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जनजातीय कल्याण सरकार की प्राथमिकता : केंद्रीय गृह मंत्री शाह

– जनजातीय संस्कृति के संरक्षण में विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिकाः अमित शाह

भोपाल। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Union Home and Cooperation Minister Amit Shah) ने कहा कि जनजातीय वर्ग के कल्याण (Welfare of Tribal Classes) पर अब कई गुना अधिक व्यय (many times more cost) किया जा रहा है। यह सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि जनजातीय संस्कृति के संरक्षण में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (Indira Gandhi National Tribal University), अमरकंटक की महत्वपूर्ण भूमिका हैं। जनजातीय संस्कृति से जुड़े साहित्य, लोक संगीत और लोक कलाओं की अपनी विशेषताएं हैं। अमरकंटक अंचल अनेक दुर्लभ औषधियों को अपनी धरा में समाए हुए है, जो रोग निवारण में अति उपयोगी हैं। अमरकंटक से ही आदि शंकराचार्य जी ने एक बालक से एक विभूति के रूप में जीवन का पथ चुना। यहाँ करोड़ों लोगों की जीवनदायिनी नर्मदा नदी का उद्गम स्थल भी है। विश्वविद्यालय स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय नायकों के योगदान को सम्पूर्ण समाज के समक्ष प्रस्तुत करने का माध्यम भी बने।


केन्द्रीय गृह मंत्री शाह मंगलवार को मप्र के अमरकंटक में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय परिसर में नवनिर्मित शैक्षणिक आवास भवन और कृषि उपज भंडारण गृह के शुभारंभ समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में नई दिल्ली से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक समय था जब जनजातीय विकास पर इतना जोर नहीं दिया जाता था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में जनजातीय मंत्रालय की भूमिका महत्वपूर्ण बनी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवीन शिक्षा नीति से सामर्थ्य, पहुँच, गुणवत्ता, निष्पक्षता और जवाबदेही पर आधारित कार्य पर बल दिया है। जनजातीय विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा नीति का क्रियान्वयन सराहनीय है।

जनजातीय विकास के लिए बजट भी बढ़ा और फोकस भी
शाह ने कहा कि भारत सरकार ने जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिए बजट को बढ़ाने के साथ ही जनजातीय विकास पर फोकस किया है। वर्ष 2013-14 में आदिवासी उपयोजना पर 21 हजार करोड़ रुपये की राशि ही व्यय होती थी, जो बढ़कर 86 हजार करोड़ रुपये हो चुकी है। यह चार गुना वृद्धि है। हर घर नल योजना में सवा करोड़ से अधिक जनजातीय परिवारों तक स्वच्छ पीने का पानी पहुँचा है। यही नहीं 82 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड जारी किए गए हैं। देश में 38 लाख जनजातीय बंधुओं के आवास तैयार हुए हैं। किसानों को दी जाने वाली पीएम सम्मान निधि का लाभ भी 3 करोड़ से अधिक जनजातीय वर्ग के किसानों को मिला है। एकलव्य मॉडल स्कूल जो वर्ष 2013-14 में मात्र 278 थे, आज उनकी संख्या बढ़ कर 1418 हो गई है। प्रति विद्यार्थी सालाना व्यय भी मात्र 42 हजार था, जो आज एक लाख 9 हजार तक पहुँच चुका है। शिक्षा पर होने वाले व्यय 1000 करोड़ को 25 सौ करोड़ रूपये तक पहुँचाया गया है।

संघर्ष नहीं विमर्श है समाधान का मार्ग
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जनताजीय वर्ग को भटकाने वाले लोगों से बचाने की आवश्यकता है। इस विश्वविद्यालय के स्तर पर जनजातीय वर्ग से जुड़े कानूनों पर शोध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि संघर्ष के स्थान पर विमर्श और संवाद प्रत्येक समस्या का समाधान है। इसलिए इस माध्यम से ही अलगाव को रोकने में भी सफलता मिल सकती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भी संवाद में विश्वास रखते हैं। चर्चा के लिए सरकार के द्वार सदैव खुले हुए हैं।

विश्वविद्यालय जनजातीय नायकों के योगदान को रेखांकित करें
केन्द्रीय मंत्री शाह ने कहा कि स्थानीय विशिष्ट औषधियों के संबंध में जानकारियों का प्रसार होना चाहिए। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा जनजातीय नायकों के योगदान को सामने लाने का कार्य हो। यह योगदान प्रभावशाली ढंग से रेखांकित किया जाए। मध्यप्रदेश ऐसे नायकों की भूमि रही है। शंकर शाह और रघुनाथ शाह की शहादत और पराक्रम से विद्यार्थियों को अवगत कराया जाए। चार सौ एकड़ भूमि पर चार हजार विद्यार्थियों वाले इस विश्वविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य तब सार्थक होगा जब जनजातीय गौरव और संस्कृति को बढ़ाने के साथ ही जनजातीय वर्ग को मुख्यधारा में लाने के लिए समर्पण की भावना से कार्य हो। विश्वविद्यालय के मणिपुर स्थित क्षेत्रीय परिसर को भी यह भूमिका निभाना चाहिए। देश के विभिन्न अंचलों में जनजातीय वर्ग के नायकों ने जो संघर्ष किया था, उसकी जानकारी भी सामने आना चाहिए। ऐसे अंचलों में अंडमान निकोबार भी शामिल है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी भोपाल से वर्चुअली जुड़े और कार्यक्रम को संबोधित किया। (एजेंसी, हि.स.)

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