नई दिल्ली। कृषि विधेयक पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन वेल तक जा पहुंचे और उपसभापति हरिवंश को सदन का रूल बुक दिखाने लगे। वहीं राज्यसभा में कृषि विधेयक को कांग्रेस ने बताया किसानों का डेथ वारंट, कहा- पार्टी नहीं कर सकती हस्ताक्षर। संसद के मॉनूसन सत्र का आज सातवां दिन है। सरकार ने कृषि संबंधित विधेयकों को राज्यसभा में पेश किया। उच्च सदन में बिल पर चर्चा के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जवाब दिया। नरेंद्र सिंह तोमर के जवाब देने के दौरान विपक्ष के सांसदों ने जोरदार हंगामा किया। सांसदों ने हंगामा उसभापति के फैसले पर किया। दरअसल, सदन की कार्यवाही 1 बजे पूरी होनी थी। उपसभापति ने कार्यवाही को विधेयक के पारित होने तक बढ़ाने का फैसला लिया। विपक्ष के सांसदों ने इसपर हंगामा शुरू कर दिया। सांसदों ने रूल बुक फाड़ दी और माइक को भी तोड़ दिया।
कृषि विधेयकों को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है, उन्होंने इसे काला कानून करार देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को पूंजीपतियों का ‘ग़ुलाम’ बना रहे हैं, जिसे देश कभी सफल नहीं होने देगा. राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में इस बिल को लेकर दो सवाल भी किए हैं. पहला कि APMC/किसान मार्केट खत्म होने पर MSP कैसे मिलेगा? और दूसरा कि इस विधेयक में MSP की गारंटी क्यों नहीं?
कृषि बिल पर शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि देश में 70 फीसदी लोग खेती से जुड़े हैं। पूरे लॉकडाउन में किसान ही काम रहे थे। सरकार क्या भरोसा दे सकती है कि बिल के पास होने के बाद किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी और आगे देश में कोई भी किसान आत्महत्या नहीं करेगा। संजय राउत ने इसके साथ ही कहा कि पीएम मोदी ने कहा था कि बिल को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है। ऐसे में मैं पूछना चाहता हूं कि क्या अफवाह पर ही एक मंत्री ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।