- 1990 में तालाब की जमीन पर ही बना दी थी दुकानें-मार्केट के अन्य दुकानों की तरह उनकी अनुमति भी नहीं-ज्यादातर दुकानों पर तीन मंजिला भवन भी तन गए, कई परिवार भी रह रहे हैं
उज्जैन। गोवर्धन सागर की जमीन पर अतिक्रमण के मामले में वी.डी. मार्केट की 52 दुकानें भी आ रही है। इन सभी दुकान मालिकों को नगर निगम ने दस्तावेज पेश करने के नोटिस दिए हैं। ऐसे में अब व्यापारी नेताओं और वकीलों के यहाँ इस मुहिम से बचने के लिए चक्कर लगा रहे हैं। गोवर्धन सागर की भूमि के सीमांकन के बाद करीब 78 नोटिस नगर निगम ने पिछले दिनों बाँटे हैं जिसमें 7 दिन में भूमि से संबंधित निर्माण एवं अन्य दस्तावेज नगर निगम में पेश करने को कहा गया है। तालाब में एक किनारे पर पूर्व में निर्मल सागर टॉकीज, स्टेट बैंक की गली का पीछे का भाग और वी.डी. मार्केट का पीछे का हिस्सा था जो पूर्व में लोगों ने गोवर्धन सागर की जमीन पर निर्मित कर लिया। अब सीमांकन हुआ तो सामने स्थिति स्पष्ट हुई है, इसमें सबसे बड़ा हिस्सा वी.डी. क्लॉथ मार्केट का है। इसमें सबसे पीछे की ओर जो 52 दुकानें बनी हुई है वह पूरी तरह गोवर्धन सागर की जमीन पर बनी है और इन दुकानों की अनुमति भी टीएनसी और नगर निगम से उस समय संबंधित जिम्मेदारों ने नहीं ली थी।
इन दुकानों का आवंटन विक्रमादित्य क्लॉथ मार्केट की समिति ने कर दिया और व्यापार के साथ व्यापारियों ने दुकान के ऊपर की मंजिल पर भवन भी बना लिए जिसमें कुछ में परिवार रह रहे हैं और कहीं पर गोडाउन बना हुआ है। यदि एनजीटी के आदेश का नगर निगम पालन करती है तो उक्त 52 दुकान और जो जमीन वी.डी. क्लॉथ मार्केट में दबा रखी है उसे मुक्त कराया जाएगा। इस कार्रवाई के लिए फिलहाल नगर निगम ने एनजीटी के कानून का हवाला देते हुए 7 दिन में सभी दुकान मालिकों को दुकान की मिल्कियत से संबंधित दस्तावेज पेश करने को कहा है। ऐसे में व्यापारी इस नोटिस से परेशान हैं और समूह में नेताओं और वकीलों के पास जाकर राय ले रहे हैं। 7 दिन में इन सभी दुकानदारों को जवाब देना है। 1986 में यह मार्केट बना था और शिफ्ट हुआ था, इसके बाद 1990 के आसपास यह 52 दुकानें बनाई गई थी।
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