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‘बाबुल दा की हार हमें हजम नहीं हो रही है’, बोले- कैलाश विजयवर्गीय

डेस्‍क। कोरोना महामारी के बीच हुए चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में कुल 822 विधानसभा सीटों पर चुनाव की मतगणना चल रही है। पश्चिम बंगाल में मतदान आठ चरणों में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच हुआ था। एग्जिट पोल के नतीजों में अनुमान लगाया गया है कि ममता बनर्जी तीसरी बार मुख्यमंत्री बन सकती हैं, लेकिन चुनावी नतीजा टीएमसी और बीजेपी में बहुत करीब का रहेगा।

फिलहाल चुनावी रुझानों में बंगाल में टीएमसी को बढ़ती मिलती नजर आ रही है। रुझानों पर बंगाल के बीजेपी प्रभारी विजयवर्गीय ने कहा है कि इस पर अभी बात करना जल्दीबाजी होगी। स्थिति शाम तक स्पष्ट होगी। उन्होंने कहा कि लॉकेट चटर्जी पीछे रहेंगी इसका अंदाजा था लेकिन बाबुल दा पीछे रहेंगे, इसका अंदाजा नहीं था। हमें इसका अंदाजा था कि चार-पांच राउंड तक लॉकेट चटर्जी और स्वपन दास जी पीछे रहेंगे।

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि चार-पांच राउंड के बाद ये लोग आगे चलेंगे। बाबुल दा का जानकर जरूर आश्चर्य हो रहा है। बाबुल दा की हार हमें हजम नहीं हो रही है।

कैलाश विजयवर्गीय नंदीग्राम में बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी की जीत को लेकर आश्वस्त नजर आए। उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि नंदीग्राम में तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी करीब 25 हजार वोटों से हारेंगी। ममता हार रहीं हैं। प्रशांत किशोर की तरफ से बीजेपी के 100 का आंकड़ा नहीं छूने की टिप्पणी पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि शाम तक देखिएगा। हम आगे निकलेंगे। बीरभूमि में हम आगे आएंगे, हुबली में हम आगे आएंगे। कुछ जिले ऐसे हैं जहां अभी हम पीछे चल रहे हैं, लेकिन बाद में आगे आएंगे।

कैलाश विजयवर्गीय ने ‘आजतक’ के साथ बातचीत में कोलकाता जैसे शहरों में पिछड़ने पर कहा कि बंगाल में हमारी ताकत शहर नहीं बल्कि गांव है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में हम मजबूत हैं। कूच विहार में हम अच्छा कर रहे हैं। उत्तर बंगाल में हम पूरा अच्छा कर रहे हैं। शाम चार बजे तक स्थिति साफ हो जाएगी। हमें उम्मीद है कि हम मैजिक नंबर को टच करेंगे।

वहीं रुझानों में बीजेपी के टीएमसी से काफी पिछड़ने पर बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि अभी यह कहना कि बीजेपी हार रही है काफी जल्दी है। अभी तो ये शुरुआती रुझान है, दो-तीन घंटे में ही असल तस्वीर सामने आ पाएगी। जब तक 50 प्रतिशत वोटों की काउटिंग न हो जाए तब तक कुछ कहा नहीं जा सकता है।

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