इंदौर न्यूज़ (Indore News)

2013 में सर्वे किया था तब175 मकान थे, अब 400 हो गए, फिर भी नहीं हटी बस्ती

मच्छी बाजार से लेकर छत्रीबाग तक नदी किनारे बने मकानों को शिफ्ट करने का मामला उलझन में, 22 करोड़ खर्च होना है, पैसों की दिक्कत के कारण शुरू नहीं हो रहा काम

इन्दौर। मच्छी बाजार पुल से लेकर छत्रीबाग गणगौर घाट तक बने मकानों को शिफ्ट करने के लिए नगर निगम और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (Municipal Corporation and Smart City Project) ने वर्ष 2013 में सर्वे शुरू किया था, जिसमें 175 मकान पाए गए थे और उनके लिए पीएम आवास योजना में कई फ्लैट देखे गए थे। यह कार्य स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत होना है, लेकिन आर्थिक हालत खस्ता होने के चलते इसका काम शुरू नहीं हो पाया और आज बाधक मकानों की संख्या 400 तक पहुंच गई है।


रिवर फ्रंट डेवलपमेंट (River Front Development) के तहत नदी किनारों को संवारने का काम स्मार्ट सिटी और नगर निगम द्वारा कई स्थानों पर शुरू किया गया था। इनमें शिवाजी मार्केट, सीपी शेखर नगर, चंद्रभागा और दयानंद नगर सहित कई इलाकों में काम पूरे कर लिए गए, लेकिन मध्य क्षेत्र के महत्वपूर्ण इलाके मच्छी बाजार में अब तक यह काम शुरू नहीं हो पाए हैं। नगर निगम और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट ने मच्छी बाजार से लेकर गणगौर घाट तक के हिस्से में रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के तहत अलग-अलग हिस्सों में काम शुरू कराया है। मच्छी बाजार से कड़ावघाट जोन वाले मार्ग पर नदी किनारे पर कई कार्य चल रहे हैं। वर्ष 2013-14 में नगर निगम और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की टीम ने मच्छी बाजार से गणगौर घाट तक के हिस्सों में बने कच्चे, पक्के मकानों का सर्वे किया था और उस दौरान 175 मकान शिफ्ट किए जाने थे, ताकि वहां नदी के हिस्सों में कई डेवलपमेंट किए जा सके। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कार्यपालन यंत्री डीआर लोधी के मुताबिक सर्वे के बाद संबंधित प्रभावित मकान वालों को पीएम आवास योजना के तहत बनाई गई मल्टियों में फ्लैट दिए जाने के लिए सहमति भी बन गई थी, लेकिन विभिन्न कारणों के चलते मामला उलझन में पड़ा था। अब वहां कई हिस्सों में मकानो की संख्या बढ़ गई है और यह आंकड़ा लगभग 400 तक पहुंच गया है। वहां बाधक मकानों को हटाने के बाद रिटर्निंग वॉल बनाने के काम के साथ-साथ कुछ सडक़ के हिस्से बनाए जाने हैं, साथ ही ग्रीन बेल्ट के हिस्से को डेवलप किया जाएगा। इस पर 22 करोड़ रुपए अनुमानित खर्च होना है और निगम और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की आर्थिक स्थिति खस्ताहाल होने के चलते यह प्रोजेक्ट कागजों में ही उलझकर रह गया है।

मच्छी बाजार के दूसरे हिस्से में बनेगा आकर्षक ग्रीन बेल्ट
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अधिकारियों के मुताबिक मच्छी बाजार के सामने वाले खुले हिस्से में कोई बाधाएं नहीं है, वहां लगने वाला अटाला बाजार भी हटा दिया गया है और अब नदी के हिस्से में रिटर्निंग वॉल बनाई जा रही है। यहां भी पत्थरों की दीवार चंद्रभागा पैटर्न पर बनाई जा रही है। इसके साथ ही वहां के खुले एरिया में ग्रीन बेल्ट के हिस्से अलग-अलग बनाए जाएंगे, ताकि नदी के हिस्से आकर्षक नजर आए और यह कार्य मच्छी बाजार से लेकर कड़ावघाट होते हुए गणगौर घाट तक किया जाएगा। इससे पूर्व स्मार्ट सिटी ने गणगौर घाट से लेकर जयरामपुर तक नदी के दोनों हिस्सों को संवारा है और वहां कई अलग-अलग जगह छोटे-छोटे उद्यान भी बनाए हैं।

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