तालिबान(Taliban) के पिछले महीने अफगानिस्तान में कब्जा जमा लिया था। अब जल्द ही उसकी तरफ से सरकार के गठन की घोषणा किए जाने की संभावना है। ऐसे में अमेरिकी विदेश मंत्री का यह बयान काफी अहम माना जा रहा है। दरअसल, अमेरिका(America) ने अब तक तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है, लेकिन उसका अफगानिस्तान में समावेशी सरकार बनाने की अपील करना तालिबान को मान्यता देने की शर्त के तौर पर भी देखा जा रहा है।
ब्लिंकन ने कहा कि सरकार के समावेशी होने की उम्मीद की जाती है। लेकिन हम एक ऐसी सरकार देखना चाहते हैं, जो खासतौर से यात्रा करने की आजादी, अमेरिका या उसके किसी भी सहयोगी पर आतंकवादी हमले के लिए अपनी सरजमीं का इस्तेमाल न होने देने, महिलाओं और अल्पसंख्यकों समेत अफगान लोगों के मूल अधिकारों को बरकरार रखने और प्रतिशोध की कार्रवाई नहीं करने आदि वादों को पूरा करे।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि विदेश विभाग समेत सभी को युद्ध के दौरान के घटनाक्रम और अफगानिस्तान के साथ साझेदारी को समझने के लिए पूरे 20 वर्षों की ओर देखना पड़ेगा और उससे सही सवाल करना और सही सीख लेनी होगी।’’
ब्लिंकन ने कहा कि सहयोगियों के साथ अमेरिका की कूटनीति तेज होगी। विदेश मंत्री अफगानिस्तान में तेजी से बदलते हालात के बीच अपने सहयोगियों के साथ कूटनीति तेज करने के लिए कतर और जर्मनी की यात्रा करेंगे। दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के लिए कार्यवाहक सहायक मंत्री डीन थॉम्पसन ने पत्रकारों से कहा कि ब्लिंकन की दोहा में तालिबानी नेतृत्व से मुलाकात की कोई योजना नहीं है।
Share: