आचंलिक

नेशनल लोक अदालत में 2263 प्रकरणों का हुआ निपटारा, सहमति से निपटे कई प्रकरण

  • नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण के लिए 23 खण्डपीठ गठित की गई

सीहोर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर सीहोर जिला मु यालय सहित सभी तहसील न्यायालयों में वर्ष की अंतिम नेशनल लोक अदालत आयोजित की गई। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष आरएन चंद ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि नेशनल लोक अदालत त्वरित एवं सुलभ न्याय का अच्छा अवसर है। लोक अदालत जैसे राष्ट्रीय पर्व में सभी नागरिको को अपना योगदान देना चाहिए। लोगों को नेशनल लोक अदालत में आकर इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। नेशनल लोक अदालत में राजीनामा करने वाले सभी पक्षकारों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पौधे भी वितरित किए गए।
नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण के लिए कुल 23 खण्डपीठ गठित की गई। इन खण्डपीठों में नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौते के आधार पर निराकरण कराने के लिए न्यायालय में लंबित कुल 7675 प्रकरण रखे गये। जिनमे से 565 प्रकरणों का निराकरण आपसी राजीनामा के आधार पर होकर समझौता राशि तीन करोड़, 87 लाख, 18 हजार 598 रूपए जमा कराई गई। इसी प्रकार नेशनल लोक अदालत की खण्डपीठ के समक्ष कुल प्रिलिटिगेशन 16471 प्रकरण रखे गये। जिनमें से 1698 प्रकरणों का निराकरण होकर समझौता राशि 02 करोड़, 03 लाख, 39 हजार 2 रूपए जमा कराई गई। नेशनल लोक अदालत में कुल 2263 प्रकरणों का निराकरण कर 5 करोड़ 90 लाख, 57 हजार 600 रूपए समझौता राशि जमा हुई।


उपभोक्ता फोरम के कुल 117 मामले निराकृत
वर्ष की अंतिम नेशनल लोक अदालत में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग की भी लोक अदालत आयोजित हुई। जिसमें कुल 117 मामले निराकृत हुए एवं समझौता राशि 2,53,72,054 रूपए रही। वादी मोह मद हसीन वि. प्रतिवादी माधोसिंह आदि व्यवहारवाद क्रमांक 212-ए/ 2022 संविदा के विनिर्दिष्ट अनुपालन के लिए दावा न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जिसका मूल्यांकन राशि रूपये 05 करोड़ 77 लाख थी, किन्तु आज दिनांक 12.11.2022 को आयोजित नेशनल लोक अदालत में खण्डपीठ क्रमांक 01 के पीठासीन अधिकारी प्रधान जिला न्यायाधीश श्री चंद के अथक प्रयास एवं समझाइश से दोनो पक्षकारों के मध्य सहमति के आधार पर राजीनामा कराकर नेशनल लोक अदालत में समाप्त किया गया।

13 साल से अलग रह रहे द पति को हार-फूल माला पहनाकर खुशी-खुशी विदा किया
वर्ष की अंतिम नेशनल लोक अदालत में प्रकरण क्रमांक 152/2019 श्रीमती वर्षा जैन वि. मनोज जैन के प्रकरण में उभयपक्ष के मध्य विवाह विच्छेद का मामला उच्च न्यायालय में लंबित होने के बावजूद भी कुटु ब न्यायालय सीहोर में उसकी दोनो पुत्रियों के द्वारा वर्ष 2019 में भरण-पोषण का प्रकरण दर्ज करवाया था। इस विचाराधीन मामले में न्यायालय के पीठासीन अधिकारी सुश्री सुमन श्रीवास्तव द्वारा दोनो पक्षो को कई बार समझाईश देकर दोनो पक्षो की आपसी सहमति के आधार पर राजीनामा करवाया। दोनो ने एक दूसरे को वरमाला पहनाकर एक-दूसरे से माफी भी मांगी। प्रकरण में राजीनामा होने से दोनो पक्ष खुश हुये और खुशी-खुशी विदा होकर घर लौटे।

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