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राजस्थान में अवैध रूप से गरीबों का अनाज खा गए 83 हजार सरकारी कर्मचारी , दोषी कर्मचारियों से अब तक 82 करोड़ से अधिक की वसूली


जयपुर । राजस्थान में (In Rajasthan) खाद्य विभाग (Food Department) अब तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत गरीबों का अनाज खाने वाले (Illegally Ate Food Grains of Poor) 83 हजार 232 सरकारी अधिकारी- कर्मचारियों (83 Thousand 232 Government Officers, Employees) को चिन्हित कर चुका है (Has Marked) , वहीं 66 हजार 604 दोषी कर्मचारियों से (From 66 Thousand 604 Guilty Employees) अब तक 82 करोड़ 8 लाख,62 हजार रुपये (82 Crores 8 Lakhs 62 Thousand so far) की वसूली की जा चुकी है (Recovery has been Made)।


गहलोत सरकार का जन-आधार कार्ड सरकारी योजनाओं से अवैध लाभ लेने वाले सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों के लिए गले की फांस बन गया है। 15 जुलाई 2022 तक के खाद्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अभी भी 16 हजार 628 सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों से वसूली होनी बाकी है। अभी तक 80 फीसदी तक धनराशि वसूली हो चुकी है। दोषी पाए गए सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों से 27 रुपये प्रति किलो के हिसाब उठाए गए गेहूं की वसूली की गई है।

राजस्थान के 33 जिलों में सबसे अधिक दौसा जिले के सरकारी अधिकारी-कर्मचारी एनएफएसए का गेहूं उठाने के मामले में जनाधार कार्ड के जरिये पकड़े गए है। यहां पर कुल 7 हजार 702 सरकारी कर्मचारियों में से अब तक 4 हजार 114 सरकारी कर्मचारियों से 3 करोड़ 94 लाख 5 हजार 948 रुपये की वसूली हो चुकी है ।इसके बाद जयपुर में 6557 सरकारी कर्मचारियों में से 4496 कर्मचारियों से 5 करोड़ 68 लाख 96 हजार 247 रुपयों की धनराशि वसूल हो गई है, जबकि उदयपुर जिले में भी 5267 सरकारी कर्मचारियों में से 4 हजार 992 कर्मचारियों से अब तक 5 करोड़ 25 लाख 46 हजार 171 रुपये की वूसली हो चुकी है, वहीं बांसवाड़ा जिले के 6174 सरकारी कर्मचारियों में से 3987 कर्मचारियों से 5 करोड़ 69 लाख, 96 हजार 247 रुपये की वसूली हो चुकी है। अलवर जिले में 6027 सरकारी कर्मचारियों मे से 4387 कर्मचारियों से 4 करोड़ 39 लाख 39 हजार 676 रुपये की वसूली हो चुकी है।

खाद्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक करौली और टोंक दो ऐसे जिले से जहां पर शत प्रतिशत दोषी सरकारी कर्मचारियों से वसूली हो चुकी है । करौली में 2856 दोषी सरकारी कर्मचारियों से 4 करोड़ 25 लाख 65 हजार 384 रुपये की धनराशि वसूल की गई है। जबकि टोंक जिले के 1175 दोषी कर्मचारियों से 1 करोड़ 41 लाख 92 हजार 414 धनराशि की वसूली की गई है। झुंझुनूं में दोषी 2401 में से 2351 सरकारी कर्मचारियों से अब तक 3 करोड़ 83 लाख 45 हजार 186 रुपये की वसूली की गई है, जबकि नागौर जिले में 3096 में से अब तक 3009 दोषी कर्मचारियों से 3 करोड़ 32 लाख 49 हजार 12 रुपये की वसूली हो चुकी है।

श्रीगंगानगर जिले में 1836 दोषी कर्मचारियों में से 1764 से 2 करोड़ 33 लाख 54 हजार 141 रुपये की वसूली हो गई है। प्रतापगढ़ में 2080 दोषी सरकारी कर्मचारियों से 2 करोड़ 37 लाख 42 हजार 596 रुपये की वसूली हो चुकी है। डूंगरपुर में 2663 सरकारी कर्मचारियों से 3 करोड़ 40 लाख 50 हजार 437 रुपये , सीकर में 2173 सरकारी कर्मचारियों से 3 करोड़ 28 लाख 57 हजार रुपये, हनुमानगढ़ में 2797 सरकारी कर्मचारियों से 3 करोड़ 8 लाख 5 हजार 296 की धनराशि वसूल हो चुकी है। भरतपुर में 2910 सरकारी कर्मचारियों से 3 करोड़ 4लाख 7 हजार रुपये की वसूली हो चुकी है। खाद्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक दो करोड़ रुपये से अधिक धनराशि वसूल करने में जोधपुर, अजमेर, बूंदी , बारां जिला शामिल है।

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