डॉक्टरों ने जबरन ठूंसे रेमडेसिविर
गैर-इरादतन हत्या के प्रकरण में प्रमाण जुटाने पहुंची पुलिस को नहीं मिल रहे मरने वाले
इंदौर। अग्निबाण ने पहले ही सचेत किया था कि इंदौर में मेडिकल माफिया सक्रिय है जिनमें शामिल शहर के अस्पतालों में डाक्टरों द्वारा मरीजों को जबरन रेमेडेसिविर इंजेक्शन (Remedisvir Injection) ठूं्से जा रहे हैं। इसका प्रमाण तब मिला जब नकली रेमेडेसिविर इंजेक्शन लगाने वाले 90 प्रतिशत मरीज ठीक होकर घर लौट आए यानी उन्हें रेमेडेसिविर की कोई आवश्यकता नहीं था फिर भी डाक्टरों ने न केवल उनके लाखों रुपए इंजेक्शन के नाम पर फुंकवाए बल्कि मानसिक प्रताडऩा भी दी।
नकली रेमेडेसिवर ( fake Remedisvir )मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का प्रकरण दर्ज करने के बाद प्रमाण ढूंढने गई पुलिस को मरने वाले लोग ही नहीं मिल पा रहे हैं। आईजी हरिनारायणचारी ( IG Harinarayanachari) ने चौंकाने वाली जानकारी देते हुए बताया कि नकली रेमेडेसिविर इंजेक्शन (Remedisvir Injection) लगाने वाले 90 प्रतिशत मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं। इन लोगों का इलाज रेमेडेसिविर के बजाय नमक के पानी से किया गया। फिर भी वे ठीक हो गए। यह इस बात का प्रमाण है कि डाक्टरों ने मरीजों को बेवजह रेमेडेसिविर इंजेक् शन ठूंसे।
नकली रेमेडेसिविर खरीदने वाले 70 के बयान दर्ज, 600 से पुलिस ने किया सम्पर्क
रेमेडेसिविर इंजेक्शन (Remedisvir Injection) की कालाबाजारी (Black marketing) के मामले में पर्दाफाश होने के बाद पुलिस मास्टरमाइंड सुनील मिश्रा (Mastermind Sunil Mishra), कौशल बोहरा, सुमित शाह को लेने के लिए आज सुबह पुलिस टीम गुजरात के लिए रवाना हुई। बताया जा रहा है कि सूरत में तैयार नकली इंजेक्शन की कालाबाजारी धड़ल्ले से की गई है। सुनील और उसके साथियों को यहां ट्रांजिड रिमांड पर लाकर पूछताछ करेगी। इस मामले में पुलिस अब तक 70 उन लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है, जिन्होंने नकली रेमेडेसिविर इंजेक्शन (Remedisvir Injection) महंगे दाम पर खरीदे थे। टीआई विजयनगर तहजीब काजी ने बताया कि 600 लोगों से दूरभाष पर सम्पर्क किया जा चुका है, जिन्होंने ये इंजेक्शन खरीदे थे। पुलिस ने कालाबाजारी करने वाले सात आरोपी सरवर खान, प्रशांत पाराशर, गोविंद गुप्ता और गौरव केसवानी को कल कोर्ट में पेश किया था, जहां से उन्हें 19 मई तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। इस बीच रात को पुलिस तीन अन्य आरोपी सुनील लोधी, जीतू शर्मा, आशीष ठाकुर को लेकर देवास और बायपास स्थित उन ठिकानों पर गई थी, जहां पर उन्होंने कुछ लोगों को रेमेडेसिविर बेचे थे, हालांकि नए इंजेक्शन के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।