छतरपुर। पूर्वांचल से लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में परंपरागत ढंग से मनाए जाने वाले छठ पर्व को शहर में भी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। उत्तरप्रदेश और बिहार के रहवासियों ने विधि विधान से पूजा अर्चना कर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया।
जानकारी के मुताबिक पेप्टेक सिटी कॉलौनी में रहने वाली महिलाओं ने विधि विधान से पूजा-अर्चना की। छठ पूजा की शुरुआत 18 नवंबर से हुई थी। कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से यह त्यौहार शुरु होता है। कठिन व्रत रखकर सूर्य देव और छठ मैया की उपासना की जाती है। घर की बाधाएं दूर करने के लिए इस पूजा का विशेष महत्व है।
ऐसे हुई पूजा
छठवीं तिथि को निर्जना व्रत रखकर ऋतु अनाज और ऋतु फलों का छठी मैया को प्रसाद लगाया गया। महिलाओं ने घाटों में जाकर पूजा की और पारंपरिक विधि से भगवान सूर्य को अर्घ्य समर्पित किया। गन्ने का घर बनाकर उसके बीच में दीपक जलाया गया। सुख समृद्धि की कामना के लिए यह पर्व रखा गया। डूबते सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद कथा सुनकर महिलाओं ने प्रसाद वितरित किया। अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत को महिलाओं द्वारा पूर्ण किया जाएगा। कहते हैं शाम के समय सूर्यदेव अपनी पत्नि प्रत्यूषा के साथ रहते हैं इसलिए इस समय अर्घ्य देने से मनोकामना शीघ्र पूर्ण होती है।(हि.स.)