भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

पेट्रोल-डीजल पर केंद्र ने तो राहत दी, अब मप्र सरकार भी कम करे टैक्स

  • ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने बताई समस्या की मांग

भोपाल। भारत सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी कम करने के बाद आम उपभोक्ताओं और ट्रांसपोर्टरों को राहत तो मिली है, लेकिन ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने मध्य प्रदेश सरकार से भी यह उम्मीद लगाई है कि वह वैट कम करके राहत प्रदान करे। ट्रक आपरेटर एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सीएल मुकाती का कहना है कि 10 दिन पहले केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी कम करने से राहत तो मिली है, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार कोई राहत नहीं दे रही है।


केंद्र सरकार द्वारा ईंधन पर टैक्स कम करने के अगले ही दिन महाराष्ट्र सरकार ने भी टैक्स कम कर दिया। इससे मध्य प्रदेश के मुकाबले महाराष्ट्र में पेट्रोल और डीजल लगभग पौने दो रुपये सस्ता हो गया है। उत्तर प्रदेश में तो पहले से ही टैक्स कम होने से वहां पेट्रोल व डीजल मध्य प्रदेश से लगभग पांच रुपये सस्ता है। इसी तरह अब मध्य प्रदेश सरकार को भी पेट्रोल व डीजल पर टैक्स कम करना चाहिए। केंद्र सरकार टैक्स कम करे या अधिक इससे राज्य सरकार की कमाई पर तो कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। ईंधन के दाम अधिक होने से ट्रांसपोर्टर के लिए व्यापार करना आसान नहीं रहा। डीजल के अलावा कलपुर्जों और अन्य चीजों की महंगाई के कारण कई ट्रांसपोर्टर तो इस व्यवसाय से बाहर हो गए हैं।

ट्रांसपोर्टरों के बारे में गंभीरता से विचार करें
ट्रांसपोर्ट व्यवसायी कमल सिंह का कहना है कि डीजल के खर्च ने कई छोटे ट्रांसपोर्टरों की हालत खराब कर रखी है। कोरोना के कारण पहले ही कई ट्रांसपोर्टर इस धंधे से बाहर हो गए हैं। रही-सही कसर डीजल की बढ़ी हुई कीमतों ने पूरी कर दी है। यही हाल रहे तो आने वाले समय में छोटे कारोबारी पूरी तरह खत्म हो जाएंगे। ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से देश के कई लोगों को रोजगार मिलता है। इस उद्योग के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए। डीजल पर टैक्स को और कम किया जाना चाहिए।

Share:

Next Post

प्रदेश में मानसून का सिस्टम बनने लगा

Wed Jun 1 , 2022
भोपाल में पारा चढ़ेगा, इंदौर में राहत रहेगी भोपाल। केरल में मानसून के एक्टिव होते ही मानसून की गतिविधियां बढ़ गई हैं। बंगाल की खाड़ी में भी लो-प्रेशर एरिया बनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इधर, पाकिस्तान के ऊपर बने सिस्टम का असर भी कम होने लगा है। कहीं गर्मी तो कहीं रिमझिम होने […]