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Chandrayan: अमेरिका 50 साल बाद फिर चांद पर भेजेगा इंसान, 4 क्रू सदस्यों की घोषणा

वाशिंगटन (Washington)। अमेरिका (America) की अंतरिक्ष एजेंसी (Space Agency) नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) (National Aeronautics and Space Administration (NASA)) ने 50 साल बाद चंद्रमा पर मिशन (Artemis II Mission) भेजने के लिए चार क्रू सदस्यों की सोमवार को घोषणा की। इनमें पहली बार एक महिला और एक अश्वेत शामिल किए गए हैं।

सभी को साल 2024 के आखिर में कैनेडी स्पेस सेंटर से 10 दिन के आर्टिमिस द्वितीय मिशन पर ओरियन कैप्सूल में भेजा जाएगा। सभी सदस्य चंद्रमा की परिक्रमा कर पृथ्वी पर लौटेंगे। इसके एक साल बाद दो क्रू सदस्यों को चंद्रमा पर उतारा जाएगा।

पिछले वर्ष इसी कार्यक्रम के तहत मानव रहित ओरियन कैप्सूल को चंद्रमा पर भेज कर वापस लाया जा चुका है। नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने चुने गए सदस्यों को मानवता के क्रू सदस्य’ बताया।


मिशन में ये शामिल
रीड वाइसमैन, मिशन के कमांडर, विक्टर ग्लोवर, नौसेना में पायलट (अफ्रीकी-अमेरिकी), क्रिस्टीना कोच : सर्वाधिक समय तक अंतरिक्ष में रहने वाली महिला, जेरेमी हेंसन : कनाडा निवासी। इनमें पहली बार कोई अश्वेत सदस्य शामिल किया गया है।

पहला चंद्र मिशन जिसमें गैर अमेरिकी भी
यह पहला चंद्र मिशन है, जिसमें एक गैर-अमेरिकी भी क्रू सदस्य होगा। क्रू में तीन अमेरिकी और एक कनाडाई नागरिक है।

चांद पर अब तक 24 अंतरिक्ष यात्री भेजे
नासा ने 1968 से 1972 तक अपोलो कार्यक्रम के तहत 24 अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजा था। इनमें से 12 को चांद पर उतारा गया। सिवाय भूवैज्ञानिक हैरिसन श्मिट के, बाकी सभी सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त पायलट थे। अपोलो 17 आखिरी मिशन था।

हम दुनिया के सबसे शक्तिशाली रॉकेट की सवारी करने जा रहे हैं, हम हजारों मील की चोटियों तक पहुंचेंगे। सभी प्रणालियों का परीक्षण करेंगे, फिर चंद्रमा की ओर बढ़ेंगे। हम इस मिशन में दुनिया के उत्साह, आकांक्षाओं और सपनों को अपने साथ ले जाने वाले हैं। -क्रिस्टीना कोच

जानिए चंद्र मिशन में शामिल पहली महिला को
अंतरिक्ष यात्री क्रिस्टीना 2013 में नासा में शामिल हुईं और कई अभियानों में फ्लाइट इंजीनियर के रूप में काम किया। वह इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में एमएससी हैं। अंतरिक्ष यात्री बनने से पहले, क्रिस्टीना ने अंतरिक्ष विज्ञान उपकरण विकास और दूरस्थ वैज्ञानिक क्षेत्र इंजीनियरिंग दोनों का विस्तार किया। उनका कॅरिअर नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में शुरू हुआ था।

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