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छतरपुरः बोरवेल के गड्ढे से सुरक्षित निकली 15 माह की बच्ची पूरी तरह स्वस्थ

कलेक्टर ने अस्पताल पहुंचकर ली दिव्याशीं के स्वास्थ्य की जानकारी

छतरपुर। जिले के नौगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम दौनी में बोरवेल के गड्ढे में गिरी (fell into borewell pit) एक 15 माह की बच्ची (15 month old baby) को बचाने के लिए 10 घंटे रेस्क्यू (10 Hours Rescue) चलाया गया और उसे गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात करीब एक बजे सुरक्षित निकालकर जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसका उपचार जारी है। बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है। कलेक्टर संदीप जी आर ने शुक्रवार को चिकित्सालय पहुंचकर बोरवेल से सुरक्षित निकाली गई बच्ची दिव्यांशी के स्वास्थ्य के जानकारी ली।

दिव्यांशी की मां रामसखी ने बताया कि बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है। बातचीत कर रही है, खा पी रही है और नींद भी ले रही है। दिव्यांशी की मां ने बच्ची को बचाने के लिए सभी लोगों का आभार प्रकट किया। दिव्यांशी की मां रामसखी के चेहरे की खुशी देखते ही बनती है। अपनी बच्ची को स्वस्थ देखकर वह अतंरमन से बेहद खुश है। दिव्यांशी हम सभी के बीच फिर से चहकेगी और खेलेगी। सभी के प्रयास से दिव्यांशी के स्वस्थ होने से मां की ममता खिल उठी है।

रेस्क्यू ऑपरेशन रहा सफल, दिव्यांशी को मिला नया जीवन
बता दें कि गुरुवार को दोपहर करीब तीन बजे ग्राम दौनी निवासी राजेश कुशवाहा की बेटी दिव्यांशी खेत में बोलवेल के खुले गड्ढे में गिर गई थी। कलेक्टर संदीप जी आर एवं एसपी सचिन शर्मा के निर्देशन में बोरवेल की घटना में अबोध बेटी दिव्यांशी को सुरक्षित निकालने में स्थानीय पुलिस एवं जिला प्रशासन तथा होमगार्ड छतरपुर के प्रयास सफल रहे।

घटना की जानकारी मिलने पर कलेक्टर एवं एसपी के निर्देशन में एसडीएम, तहसीलदार तथा एसडीओपी, टीआई सहित होमगार्ड की टीम रेस्क्यू कार्य के लिए ग्राम दौनी तुरंत भेजी गई। मुख्यालय छतरपुर से कलेक्टर और एसपी भी घटना स्थल पर पहुंचे और किये जा रहे बचाव कार्य को संसाधनों की मदद से गति दिलाई तो वहीं जिला मुख्यालय से घटनास्थल पर अन्य संसाधन भी बुलाये गये।

कलेक्टर ने बचाव कार्य को पुख्ता बनाने के लिये राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री कार्यालय एवं वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करते हुये संसाधन उपलब्ध कराने की अपील की। मुख्यमंत्री द्वारा 15 महीने की अबोध बेटी दिव्यांशी को सकुशल निकालने के लिए संसाधनों का प्रबंध कराये गये तो वहीं छतरपुर सीएमओ और डूडा प्रभारी तथा नगर परिषद नौगांव से ड्रिल एवं जेसीबी मशीन सहित अन्य संसाधन भेजे गये।

घटना स्थल पर स्थानीय प्रशासन द्वारा अविलंब शुरू की गई बचाव कार्यवाही से रात्रि 11 बजे तक करीब 18 फीट गड्ढे की खुदाई के साथ-साथ टनल बनाई गई। बच्ची की पल-पल की जानकारी सीसीटीवी कैमरे से ली जाती रही। उसे ऑक्सीजन देने के साथ टेम्प्रेचर भी मुहैया कराया जाता रहा। दिव्यांशी को सुरक्षित निकालने के कार्य में आर्मी की भी मदद मिली। देर रात 11 बजे ग्वालियर की एसडीईआरएफ की टीम भी ग्राम दौनी पहुंची।

सेना के जवानों की मदद से रात्रि 12:47 बजे दिव्यांशी को बोरवेल से सुरक्षित निकाला गया, तो रेस्क्यू टीम, प्रशासनिक अधिकारियों, सैनिकों और बचाव दल के सदस्यों के चेहरे खुशी से खिल उठे। बच्ची को तुरंत ही चिकित्सक और मां के साथ उपचार के लिये एम्बुलेंस से जिला चिकित्सालय लाया गया, जहां आईसीयू में डॉक्टरों ने उसका उपचार किया। शुक्रवार की सुबह तक बच्ची दिव्यांशी पूर्णतः स्वस्थ हुई।

कलेक्टर ने सीएमएचओ और सिविल सर्जन के साथ जिला अस्पताल पहुंचकर बच्ची के स्वास्थ्य लाभ की जानकारी ली। दिव्यांशी की मां ने बताया बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है। बातचीत करने के साथ-साथ खा पी रही है। दिव्यांशी की मां ने बच्ची को बचाने के लिए सभी लोगों का आभार प्रकट किया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, खजुराहो सांसद वी. डी. शर्मा, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा तथा छतरपुर जिले के प्रभारी मंत्री ओ.पी. सखलेचा ने मासूम दिव्यांशी को सुरक्षित बचाने के लिए जिला प्रशासन छतरपुर द्वारा किये गय कार्य की सराहना करते हुए बधाई दी है। कलेक्टर ने कहा कि दिव्यांशी की मुस्कान, हंसी को उसके परिजन और ग्रामवासी फिर से देखेंगे। वह हम सभी के बीच फिर से चहकेगी और खेलेगी। (एजेंसी, हि.स.)

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