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इंडिया के घटक दलों के बीच टकराव, ममता बनर्जी के गठबंधन में बने रहने की संभावना कम

नई दिल्‍ली (New Delhi) । भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के लिए तैयार इंडिया गठबंधन (india alliance) के घटक दलों के बीच टकराव साफ नजर आ रही है। सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ किसी भी तरह से गठबंधन की संभावना से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही बंगाल में अब इंडिया गठबंधन के तीनों दलों के लिए 2024 की लड़ाई से पहले साथ आना मुश्किल हो गया है।

सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस पार्टी का एक धड़ा अगले साल होने वाले चुनाव में सीपीआई (एम) के साथ अपना गठबंधन तोड़ने के लिए भी तैयार नहीं है। ऐसे में संभावना है कि लोकसभा चुनाव में बंगाल में सीपीआई (एम) और कांग्रेस टीएमसी के साथ कोई समझौता न करें। सूत्रों ने यह भी कहा कि कांग्रेस और वाम मोर्चा अपना गठबंधन जारी रख सकते हैं। ऐसे में इंडिया गठबंधन में ममता बनर्जी के बने रहने की संभावना कम होती नजर आ रही है।

येचुरी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के बैनर तले राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के खिलाफ लड़ना जारी रखेगी, लेकिन पश्चिम बंगाल में टीएमसी के साथ गठबंधन का सवाल ही नहीं उठता।


भाजपा का विकल्प नहीं टीएमसी: येचुरी
मीडिया से बात करते हुए उन्होने कहा, ”मैं आपमें से अधिकांश को जानता हूं। हमें आपमें से कई लोगों से प्रतिक्रिया पत्र मिला है, जिसमें कहा गया है टीएमसी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ लेफ्ट कैसे खड़ा हो सकता है। हम भी यह मानते हैं। टीएमसी भाजपा का विकल्प नहीं है और न ही हो सकती है। जब अवसर आता है तो टीएमसी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और भाजपा के साथ समझौता कर लेती है। उन्होंने पहले भी ऐसा किया है और भविष्य में भी ऐसा कर सकते हैं।” अब सवाल यह है कि लेफ्ट इंडिया गठबंधन में क्यों हैं? इसका जवाब देते हुए येचुरी ने कहा था कि हमें भाजपा को सत्ता से बेदखल करना होगा।

उन्होंने कहा, “टीएमसी भ्रष्ट, जनविरोधी और लोकतंत्र विरोधी पार्टी है। बंगाल में लोकतांत्रिक चुनाव की अवधारणा नष्ट हो गई है। हमें इसके खिलाफ लड़ना होगा। हमें लोगों तक पहुंचना होगा। आरएसएस और भाजपा की राजनीतिक और वैचारिक परियोजना को हराने पर ध्यान केंद्रित करना होगा।’

येचुरी के तेवर से एकजुट होंगे कार्यकर्ता
सीपीआई (एम) के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ”येचुरी ने आगामी लोकसभा चुनाव में टीएमसी के साथ चुनावी समझौते की किसी भी संभावना से इनकार कर दिया है। इससे हमें अपने कार्यकर्ताओं और पश्चिम बंगाल के लोगों को यह समझाने में मदद मिलेगी कि हम पश्चिम बंगाल में टीएमसी और बीजेपी दोनों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।’

कांग्रेस को भी पसंद नहीं ममता का साथ
कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग भी येचुरी की टिप्पणी से खुश है, क्योंकि वे भी टीएमसी के साथ किसी भी तरह के चुनावी समझौते के खिलाफ हैं। कांग्रेस नेता कौस्ताब बागची ने पार्टी आलाकमान को पत्र लिखकर टीएमसी के साथ किसी भी गठबंधन का विरोध किया है।

टीएमसी ने सीपीआई(एम) को बताया भाजपा की बी टीम
येचुरी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने शनिवार को कहा, ”सीपीआई (एम) भाजपा का एजेंट है। बंगाल में उनकी बी टीम है। सीपीआई (एम) के लिए वोट बढ़ाने में अक्सर बीजेपी की भूमिका होती है। जब भी भाजपा मुसीबत में होती है तो सीपीआई (एम) हमेशा उनकी ओर हाथ बढ़ाती है। हमें सीपीआई (एम) की जरूरत नहीं है। हम अपनी लड़ाई लड़ सकते हैं।”

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