नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए शनिवार से वैक्सीनेशन (Corona Vaccination Drive in India) शुरू हो रहा है। इसके लिए राज्यों में कई बार ड्राई रन किया जा चुका है। इसके साथ ही सरकार का दावा है कि वह पूरी तरह से तैयार है। देश में कोवीशील्ड (Covidshield) और कोवैक्सीन (Covaxin) टीके की मंजूरी दी गई है। सरकार ने कहा है कि फिलहाल स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइनर्स का वैक्सीनेशन होगा। वहीं अन्य मरीजों के लिए इनके इमरजेंसी यूज की मंजूरी दी गई है।
वैक्सीनेशन के जरिए सरकार अपनी एक और महत्वाकांक्षी योजना शुरू करना चाहती है। सरकार का प्लान है कि वैक्सीनेशन के दौरान लोगों की यूनिक हेल्थ आईडी बना दी जाए। एक बार आईडी बन जाने के बाद इसके रिकॉर्ड्स डिजिल होंगे और सरकारी रिकॉर्ड का हिस्सा बन जाएगा। वैक्सीनेशन के दौरान पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड मुहैया कराने पर आपकी UHID तुरंत बन जाएगी।
हालांकि वैक्सीनेशन के लिए आधार को अनिवार्य नहीं बनाया गया है। सरकार ने फोटो आईडी की सूची में आधार का जिक्र नहीं किया है। ऐसे में कितने लोग आधार कार्ड पहचान पत्र के तौर पर देंगे यह बाद में ही पता चल पाएगा। इसके साथ ही सरकार इस बात का भी डिजिटल रिकॉर्ड रखना चाहती है कि किसे कौन सी वैक्सीन लगी है। इसके लिए कोविन ऐप (CoWin) का इस्तेमाल किया जाएगा।
गौरतलब है कि वैक्सीनेशन में जिन शीशियों का इस्तेमाल होगा उन्हें खोलने के चार घंटे के भीतर ही इस्तेमाल कर लेना होगा। हर शीशी में 10 डोज मौजूद होंगे। बता दें यूनिवर्सल इम्युनाइजेशन प्रोग्राम (UIP) के अंतर्गत कुछ वैक्सीन्स की शीशी खोलने के 1 महीने तक इस्तेमाल की जाती है। हालांकि वीवीएम के बिना ऐसा नहीं हो सकता। गौरतलब है कि VVM वैक्सीन से जुड़ी कई जरूरी जानकारी देती है। इसमें वैक्सीन का टेंपरेचर शामिल है। इस वैक्सीनेशन प्रॉसेस में वीवीएम मौजूद नहीं है जिसके चलते इसकी कोल्ड चेन को बरकरार बहुत जरूरी होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत करेंगे और इसके मद्देनजर सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में टीकों की पर्याप्त खुराकें भेज दी गई हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में यह जानकारी दी।
बयान में कहा गया है, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16 जनवरी को सुबह 10।30 बजे वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत करेंगे। यह विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान होगा।’ इस कार्यक्रम से सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के 3006 स्थान डिजिटल माध्यम से जुडेंगे और हर केंद्र पर 100 लाभार्थियों का टीकाकरण होगा।
बयान में कहा गया कि यह टीकाकरण अभियान जन भागीदारी के सिद्धांत के तहत प्राथमिकता के आधार पर चलाया जाएगा जिसमें पहले चरण के तहत सरकारी व निजी क्षेत्रों के स्वास्थ्यकर्मियों और आईसीडीएस कर्मियों का टीकाकरण किया जाएगा।
बयान के मुताबिक, नागर विमानन मंत्रालय के सक्रिय सहयोग से सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में टीकों की पर्याप्त खुराकें भेजी गई हैं तथा राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने इन्हें सभी जिलों में भेज दिया है। टीकाकरण अभियान को सुचारू रूप से चलाने और टीका वितरण कार्यक्रम की निगरानी के लिए को-विन (कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क) नामक एक डिजिटल मंच भी तैयार किया गया है।
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