इंदौर न्यूज़ (Indore News)

रीगल और मिल्की वे की बेशकीमती जमीन का व्यावसायिक उपयोग करेगा निगम

  • 43 हजार स्क्वेयर फीट जमीन है मौजूद शहर के बीचोबीच, पहले मेट्रो स्टेशन में आना थी इस्तेमाल, मगर अब अंडरग्राउंड लाइन के चलते बच गई, हाईकोर्ट में अपील भी 11 वर्षों से लम्बित

इंदौर, राजेश ज्वेल। नगर निगम की माली हालत अत्यंत खस्ता है, जिसके चलते जहां लीज की जमीनों को लेकर निर्णय होना है, वहीं बीच शहर में मौजूद रीगल और मिल्की वे सिनेमा की बेशकीमती जमीन का भी व्यावसायिक इस्तेमाल किया जाएगा। ये दोनों सिनेमा बीते कई वर्षों से बंद पड़े हैं और इनका कब्जा भी निगम ले चुका है। लगभग 43 हजार स्क्वेयर फीट जमीन दोनों सिनेमाघरों की मौजूद है, जिस पर एक बड़ा व्यावसायिक प्रोजेक्ट अमल में लाया जा सकता है। हालांकि रीगल सिनेमा की जमीन पर हाईकोर्ट में की गई अपील अवश्य लम्बित है। मगर महापौर का कहना है कि उसे जल्द ही निराकृत करा लिया जाएगा, क्योंकि किसी तरह का स्टे फिलहाल नहीं है। पूर्व में रीगल सिनेमा की जमीन मेट्रो स्टेशन में इस्तेमाल होना थी, मगर चूंकि अब उसके पहले हाईकोर्ट परिसर से ही मेट्रो अंडरग्राउंड हो जाएगी, इसलिए रीगल की जमीन बचने से निगम उसका व्यावसायिक दोहन भविष्य में कर सकेगा।


शहर में वैसे तो सभी अधिकांश पुराने सिनेमा घर बंद हो गए और उनकी जगह व्यावसायिक इमारतें खड़ी हो गईं। 85 साल पुराना होलकर राज में बना रीगल सिनेमा भी 4 वर्ष पूर्व बंद हो गया था, क्योंकि लीज समाप्त होने के बाद निगम ने उसे अपने कब्जे में ले लिया। हालांकि बेदखली आदेश के खिलाफ सिनेमा संचालक को राहत नहीं मिल सकी थी और निचली अदालत में हारने के बाद हाईकोर्ट ने भी स्टे नहीं दिया था, जिसके चलते निगम अमले ने सितम्बर-2019 में रीगल की जमीन पर अपना कब्जा कर लिया। हालांकि उसके बाद हाईकोर्ट में सिनेमा संचालक की ओर से 2012 में अपील दायर की गई थी, जो अभी लम्बित बताई गई है। इस सिनेमा के मैनेजर रहे मुकेश शाह का कहना है कि बीते 11 साल से यह अपील लम्बित है और दूसरी तरफ सिनेमा घर का सामान धीरे-धीरे चोरी होने लगा, क्योंकि निगम ने सिक्यूरिटी गार्ड की कोई व्यवस्था नहीं की और गेट सहित पूरा सिनेमा ही खुला पड़ा है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव का कहना है कि रीगल के साथ-साथ मिल्की वे सिनेमा की भी 19 हजार स्क्वेयर फीट से अधिक जमीन उपलब्ध है और एक साल पहले निगम ने मिल्की वे की जमीन पर मौजूद दुकान और गैरेज को हटा भी दिया था और सुप्रीम कोर्ट से निगम इस जमीन को जीत चुका है। लिहाजा मिल्की वे की जमीन पर तो फिलहाल कोई रूकावट नहीं है, लेकिन हाईकोर्ट में लम्बित अपील को जल्द खारिज करवाने के प्रयास किए जाएंगे, ताकि बीच शहर में रीगल चौराहा पर मौजूद 43 हजार स्क्वेयर फीट करोड़ों रुपए मूल्य की बेशकीमती जमीन का उपयोग किया जा सके और इससे निगम की माली हालत भी सुधरेगी, वहीं महापौर के मुताबिक निगम की लीज शाखा को भी मजबूत किया जा रहा है और लम्बित लीज प्रकरणों के निराकरण के साथ-साथ फ्री होल्ड करने व अन्य कार्रवाई भी प्रचलन में है। लीज के रूप में भी निगम को एक बड़ी धन राशि प्राप्त हो सकती है। यह भी महत्वपूर्ण है कि पूर्व में रीगल की जमीन मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए सुरक्षित रखी गई थी। मगर अब उसके पहले से ही अंडरग्राउंड पर सहमति बन गई है और हाईकोर्ट परिसर के भीतर से अंडरग्राउंड के लिए खुदाई शुरू होगी और वहां से लेकर बड़ा गणपति तक मेट्रो अंडरग्राउंड रहेगी, जिसके चलते रीगल सिनेमा की जमीन मेट्रो प्रोजेक्ट में इस्तेमाल ना होने से बच गई और निगम को करोड़ों रुपए का भविष्य में मुनाफा कमाकर भी देगी।

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