जीवनशैली

खराब डाइट और लाइफस्टाइल के कारण बढ़ रहे डायबिटीज के मरीज

  • भारत में हर 1 हजार लोगों में से 171.3 लोगों को डायबिटीज की शिकायत

नई दिल्ली। अनियमित खाना-पीना (irregular eating and drinking) और सोना (Gold) तथा देर तक (Late night) काम करना हमारी सेहत (Health) के लिए बहुत खतरनाक (Dangerous) साबित हो रहा है। इसके चलते लोग डायबिटीज, ब्लड प्रेशर (diabetes, blood pressure) सहित अन्य बीमारियों (diseases) के शिकार (Prey) हो रहे हैं। दुनिया में बढ़ती व्यापारिक प्रतियोगिता (increasing business competition) के चलते भागदौड़ भरी जिंदगी (busy life) में आज लोगों के पास समय पर खाने-पीने और सोने के लिए भी वक्त निकालना मुश्किल (hard to find time) हो रहा है। ऐसे में वे घातक बीमारियों (deadly diseases) का शिकार हो रहे हैं। इन्हीं में से एक प्रमुख बीमारी डायबिटीज भारत में भी तेजी से पैर पसार रही है।



डायबिटीज के मरीजों की संख्या दुनिया के साथ-साथ देश में भी बढ़ती जा रही है. कुछ रिपोर्ट बताती हैं कि भारत में हर 1 हजार लोगों में से 171.3 लोगों को डायबिटीज की शिकायत है. डॉक्टर्स का मानना है कि डायबिटीज के मरीजों की संख्या बढ़ने का सबसे बड़ा कारण गलत लाइफस्टाइल है. टाइप 1 डायबिटीज अनुवांशिक है और यह सिर्फ एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ही जा सकती है. वहीं टाइप 2 डायबिटीज खराब डाइट और लाइफस्टाइल के कारण होती है. अगर कोई अपनी लाइफस्टाइल और खान-पान को सुधार लेता है तो डायबिटीज से बच सकता है. हम यहां आपको 6 आदतों के बारे में बता रहे हैं जो डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाती हैं और उन्हें तुरंत सुधारना चाहिए.

न्यूट्रिशन की कमी

अगर किसी के शरीर में न्यूट्रिशन की कमी है तो उसे मैक्रोन्यूट्रिएंट और माइक्रोन्यूट्रिएंट की कमी से कई बीमारियां तो होती ही हैं, साथ ही साथ डायबिटीज की शिकायत भी हो सकती है. रिसर्च बताती हैं कि जो लोग हेल्दी भोजन, वेजिटेरियन डाइठ और पत्तेदार सब्जियों का सेवन नहीं करते हैं उन्हें डायबिटीज की शिकायत हो सकती है. एम्स के रिसर्च खुलासा हुआ है कि आयुर्वेदिक दवा डायबिटीज और मोटापा दोनों नियंत्रित करती है. इसके अलावा लंबे समय तक विटामिन डी की कमी से भी डायबिटीज का जोखिम हो सकता है. एक बैलेंस डाइट जिसमें प्रोटीन, फाइबर, हेल्दी फैट और कार्बोहाइड्रेट शामिल होते हैं, उसे लेने से इंसुलिन का लेवल और ब्लड शुगर कंट्रोल रहती है.

एक्सरसाइज नहीं करना

रिसर्च के मुताबिक, एक्सरसाइज करने से शरीर की श्वसन प्रणाली सही रहती है लेकिन अगर किसी की फैमिली में आनुवांशिक डायबिटीज है तो एक्सरसाइज करने से उसके जोखिम को कम किया जा सकता है. आनुवांशिक डायबिटीज वाले लोगों को डायबिटीज के लक्षण देर से नजर आते हैं और ब्लड शुगर भी कंट्रोल रहती है. कहा जाता है कि हर व्यक्ति को हफ्ते में कम से कम 150 मिनट या पांच दिन एक्सरसाइज करनी चाहिए.

सुस्त लाइफस्टाइल

सुस्त लाइफस्टाइल डायबिटीज का सबसे बड़ा कारण होता है. जो लोग एक्टिव नहीं रहते, अधिकतर समय लेटे रहते हैं उन्हें डायबिटीज की शिकायत हो सकती है. डॉक्टर्स बताते हैं कि लंबे समय से निष्क्रिय लोगों को हार्ट और लंग्स की समस्या हो सकती है. कुछ रिसर्च भी यह बताती हैं कि जो लोग पूरे दिन बैठे या लेटे रहते हैं, उनमें टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना अधिक होती है. इसलिए कोशिश करें कि दिन भर एक्टिव बने रहें.

हाई कैलोरी डाइट

हाई कैलोरी डाइट लेने से टाइप 2 डायबिटीज और फैट बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए हर व्यक्ति को सिर्फ इतनी कैलोरी का ही सेवन करना चाहिए जितनी कैलोरी वह बर्न करता है. हर इंसान को लो कैलोरी डाइट लेनी चाहिए और उसमें भी हेल्दी चीजें ही एड करनी चाहिए.

स्मोकिंग और ड्रिंकिंग

एक्सपर्ट्स का कहना है कि हृदय रोग, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लडप्रेशर और डायबिटीज आदि बीमारियां धूम्रपान और शराब पीने से हो सकती हैं. दरअसल, धूम्रपान से धमनियां सिकुड़ जाती हैं और ब्लड वेसिल्स पर गलत प्रभाव पड़ता है, जिससे डायबिटीज और दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है. स्मोकिंग और ड्रिंकिंग के सेवन से फैटी लीवर की बीमारी हो जाती है, जिसके कारण आखिर में डायबिटीज की शिकायक हो जाती है.

मोटापा

डॉक्टर्स चेतावनी दे चुके हैं कि जिन लोगों का अधिक वजन होता है उन लोगों में डायबिटीज का जोखिम काफी अधिक होता है. इसलिए हमेशा बीएमआई को तय सीमा के अंदर रखें ताकि डायबिटीज का खतरा ना रहे।

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