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मेरी वजह से विधायक बने थे एकनाथ शिंदे, यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा पापः विनायक राउत

मुंबई। हाल ही में महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री (Chief Minister) की कुर्सी संभालने वाले एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उद्धव ठाकरे गुट (Uddhav Thackeray faction) के बीच जुबानी जंग जारी है। ठाकरे गुट के नेता एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद से उनकी आलोचना कर रहे हैं। अब शिवसेना सांसद विनायक राउत (Shiv Sena MP Vinayak Raut) ने भी शिंदे पर निशाना साधा। राउत ने कहा कि “एकनाथ शिंदे को मेरी वजह से विधायक का टिकट मिला।” हालांकि उन्होंने कहा कि आज उन्हें इसका पछतावा है।


रत्नागिरी में मीडिया से बात करते हुए विनायक राउत ने बताया कि कैसे एकनाथ शिंदे पहली बार विधायक बने थे। उन्होंने कहा, “यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा पाप है। अगर मैंने शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे को नहीं बताया होता तो एकनाथ शिंदे को विधायक पद नहीं मिलता। शिंदे सदन के नेता थे और मैं संपर्क अधिकारी था। बालासाहेब ठाकरे ने सतीश प्रधान को नामित किया था। लेकिन, मैंने बालासाहेब से अनुरोध किया और फिर बालासाहेब ने एकनाथ शिंदे को नामित किया।” राउत ने कहा, “एकनाथ शिंदे को अपने माता-पिता की कसम खानी चाहिए कि यह सच है या नहीं।”

मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपनी साधारण पृष्ठभूमि का अप्रत्यक्ष तौर पर संदर्भ देते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा और कहा कि ऑटो रिक्शा मर्सिडीज कार से आगे निकल गया है। शिंदे पहले आजीविका चलाने के लिए ऑटो रिक्शा चलाते थे। शिंदे के इस बयान पर राउत ने कहा, “एकनाथ शिंदे ने कहा था कि मर्सिडीज की गति रिक्शा की गति से धीमी थी। हमें एकनाथ शिंदे के ज्ञान पर शोध करना होगा। ट्वीट वे करते हैं लेकिन लिखता कोई और है।” राउत ने कहा कि उनके ज्ञान पर शोध करना होगा। उन्होंने कहा कि जैसा एकनाथ शिंदे ने लिखा था क्या कोई इस तरह की भाषा लिख सकता है।

शिंदे ने मराठी में ट्वीट करते हुए लिखा था, ‘‘ऑटो रिक्शा, मर्सिडीज (कार) से आगे निकल गया…क्योंकि यह सरकार आम आदमी की है।’’ उल्लेखनीय है कि शिंदे ने कम से कम 40 विधायकों के साथ शिवसेना नेतृत्व से बगावत कर दी थी जिसकी वजह से पिछले हफ्ते ठाकरे नीत महा विकास अघाडी की सरकार गिर गई थी। उस दौरान शिवसेना नेताओं ने शिंदे पर तंज कसते हुए उन्हें ‘‘ऑटो रिक्शा चालक’’ बताया था।

शिंदे अपने शुरुआती दिनों में आजीविका के लिए ऑटो रिक्शा चलाते थे। उद्धव ठाकरे ने विधानसभा में विश्वासमत पर मतदान होने से पहले ही 29 जून को इस्तीफा दे दिया था। इसके अगले दिन शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। ठाकरे स्वयं मर्सिडीज कार चलाकर राजभवन अपना इस्तीफा देने पहुंचे थे।

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