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चुनाव सुधार: आधार से वोटर आईडी जोड़ने का बिल लोकसभा में आज पेश करेगी सरकार, फर्जी मतदान रोकने में मिलेगी मदद

नई दिल्ली। सरकार चुनाव सुधारों की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण विधेयक संसद के चालू शीत सत्र में ही पेश करने जा रही है। मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने संबंधी चुनाव सुधार संबंधी विधेयक सरकार सोमवार को लोकसभा में पेश करेगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस विधेयक के प्रारूप को मंजूरी दी थी, जिसमें कहा गया था कि मतदाता सूची में दोहराव व फर्जी मतदान रोकने के लिए मतदाता कार्ड और सूची को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा।

लोकसभा की सोमवार की कार्यसूची में ‘चुनाव अधिनियम संशोधन विधेयक 2021’ सूचीबद्ध है, जिसे विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजीजू पेश करेंगे। चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक 2021 में चुनाव पंजीयन अधिकारियों को मतदाता सूचियों में वोटर के रूप में नाम जुड़वाने के इच्छुक लोगों को उनकी पहचान के दस्तावेज के रूप में आधार नंबर मांगने का अधिकार होगा।

प्रस्तावित विधेयक में यह भी प्रावधान है कि चुनाव पंजीयन अधिकारी, मतदाता सूची में पहले से नामजद व्यक्ति की पहचान के प्रमाणीकरण के लिए उसके आधार नंबर की मांग कर सकेंगे। इससे एक ही व्यक्ति के एक से अधिक चुनाव क्षेत्रों में मतदाता के रूप में पंजीयन और एक ही चुनाव क्षेत्र में अलग-अलग पतों पर पंजीयन की पहचान कर उसे खारिज किया जा सकेगा। इससे एक ही वोटर लिस्ट से सारे चुनाव कराने की दिशा में आगे बढ़ा जा सकेगा।


विधेयक में यह भी प्रावधान रहेगा कि मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के किसी भी आवेदन को इसलिए खारिज नहीं किया जा सकेगा और पहले से दर्ज नाम को सिर्फ इसलिए खारिज नहीं किया जा सकेगा कि संबंधित व्यक्ति के पास आधार कार्ड नहीं है। ऐसे लोगों को भी पहचान के अन्य निर्धारित दस्तावेज पेश करने की अनुमति दी जाएगी। 

जनप्रतिनिधित्व कानून की कई धाराओं में होंगे संशोधन
सदन में पेश करने के पूर्व लोकसभा सदस्यों को वितरित इस विधेयक के प्रारूप के अनुसार जनप्रतिनिधित्व कानून 1950 और 1951 की विभिन्न धाराओं में संशोधन किए जाएंगे। विधेयक के उद्देश्यों और कारणों के बयान में कहा गया है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23 में संशोधन किया जाएगा ताकि मतदाता सूची डेटा को आधार सिस्टम से जोड़ने की अनुमति दी जा सके। इससे एक ही व्यक्ति के विभिन्न स्थानों पर कई जगहों पर वोटर के रूप में नामांकन की समस्या से निपटा जा सकेगा। 

इसी तरह धारा 14 में संशोधन कर वोटर सूची में नाम जुड़वाने के पात्र लोगों के पंजीकरण के लिए चार तिथियां तय की जा सकेंगी। अब तक हर साल 1 जनवरी को ही वोटर सूची में नाम जुड़वाने की एकमात्र योग्यता तिथि माना गया है। वर्तमान में जो लोग एक जनवरी को या उससे पहले 18 वर्ष के हो जाते हैं, वे मतदाता के रूप में पंजीकरण करा सकते हैं। इसके बाद 18 साल की पात्रता उम्र पूरी करने वाले लोगों को मतदाता के रूप में पंजीकरण के लिए पूरे एक साल तक इंतजार करना पड़ता है।

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