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प्यार में ही नहीं, बीमारी से भी टूटता है दिल! जानें क्या है यह ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम


नई दिल्ली: प्यार में दिल टूटने वाली बात आपने कई बार सुनी होंगी. लेकिन क्या आप जानते हैं दिल टूटने की बीमारी भी होती है? इस बीमारी में हार्ट ब्रेक होता है और इसे मेडिकल की भाषा में ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम (Broken heart syndrome) कहा जाता है. हार्ट काफी नाजुक अंग होता है. कोई भी चोट पहुंचने पर हार्ट को नुकसान पहुंच सकता है और कोई गंभीर समस्या भी जन्म ले सकती है इसलिए एक्सपर्ट हमेशा हार्ट को स्वस्थ रखने की सलाह देते हैं. ऐसे कई कारक है जो हार्ट को कमजोर कर सकते हैं. इन कारकों में सैचुरेटेड फैट, प्रोसेस्ड फूड, अनहेल्दी डाइट का अधिक सेवन और पर्याप्त एक्सरसाइज ना करना शामिल हैं. कई ऐसे कारक भी हैं जिन पर आपका नियंत्रण नहीं रहता. जैसे, गुस्सा, डर या किसी तरह का शॉक. इन सभी से ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम का खतरा भी बढ़ जाता है. ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम क्या होता है? कारण क्या हैं? लक्षण क्या हैं? इस बारे में जान लीजिए.

ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम क्या है? (What is broken heart syndrome)
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम की पहचान 1990 में जापान में हुई थी. The mirror के मुताबिक, जब किसी व्यक्ति को अचानक से इमोशनल स्ट्रेस (मानसिक तनाव), सदमा या डर का अनुभव होता है तो उसके हार्ट मसल्स कमजोर हो जाते हैं और हार्ट की नसों पर अधिक दबाव आने लगता है. अधिक दबाव आने के कारण नसें कमजोर हो जाती हैं और इससे हार्ट अटैक का खतरा अधिक बढ़ सकता है. उदाहरण के लिए अगर कोई अपने किसी खास को खो देता है और उस समय उसे जो दर्द महसूस करता है, वह भावनात्मक रूप से खतरनाक हो सकता है और उससे इंसान की सेहत पर गलत असर पड़ सकता है. यह भी कह सकते हैं कि अगर कोई अधिक उदास रहता है तो उसे भी ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम का जोखिम हो सकता है.


ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम का क्या कारण है? (What causes broken heart syndrome)
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम, स्ट्रेस हार्मोन एड्रेनालाइन के बढ़ने के कारण हो सकता है. शोधकर्ताओं का अनुमान है कि एड्रेनालाइन हार्ट की धमनियों को इतना सिकोड़ देता है कि वे मांसपेशियों में पर्याप्त खून भी नहीं भेज पाता. इससे शरीर में एक साइकोलॉजिकल तनाव पैदा होता है और हार्ट की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं. अगर किसी को सीने में जकड़ने, सांस लेने में तकलीफ होती है तो यह दिल के दौरे के समान लक्षण पैदा कर सकता है.

जॉन हॉपकिंस मेडिसिन के मुताबिक, “एड्रेनालाइन सीधे हार्ट कोशिकाओं से जुड़ जाता है जिससे अधिक मात्रा में कैल्शियम हार्ट की कोशिकाओं में प्रवेश कर सकता है. अधिक कैल्शियम पहुंचने से हृदय कोशिकाएं अच्छे से काम नहीं कर पातीं. ऐसा लगता है कि ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम में हार्ट पर एड्रेनालाइन का प्रभाव अस्थायी होता है. हालांकि इस कंडिशन में हार्ट कुछ दिन या हफ्ते में वापस से ठीक हो जाता है.

ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के लक्षण (Symptoms of broken heart syndrome)
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम, जिसे स्ट्रेस कार्डियोमायोपैथी या टैकोत्सुबो सिंड्रोम के रूप में भी जाना जाता है, तब होता है जब कोई व्यक्ति को अचानक से कोई स्ट्रेस होता है. इसके लक्षण दिल के दौरे के समान हो सकते हैं. जैसे:

  • छाती में दर्द
  • सांस लेने में कठिनाई
  • पसीना आना
  • चक्कर आना, आदि.

ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम का खतरा किसे है? (Who’s at risk of broken heart syndrome)
Webmd के मुताबिक, “जब ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम की बात करें यह तब हो सकता है जब वह अपने साथ लंबे समय से साथ रह रहे किसी अपने या पार्टनर को खो देता है. वहीं हेल्थसाइट के मुताबिक, कोई बड़ा रिलेशन टूटना, पैसे संबंधित समस्या, नौकरी छूटना या घरेलू हिंसा के कारण ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम की समस्या हो सकती है. यह उन स्थितियों में भी हो सकती है जिनके कारण आपको बेहद चिंता होती है. जैसे सरप्राइज पार्टी या किसी तरह का शॉक मिलना. इससे बचे रहने के लिए ध्यान रखें कभी भी किसी भावनात्मक कमजोर व्यक्ति कोई भी खबर अचानक से ना दें. भले ही वह अच्छी हो या बुरी.

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