- चिरायु, पीपुल्स और इंडेक्स मेडिकल कॉलेज अध्यक्षों को राहत
जबलपुर। मध्य प्रदेश के चर्चित व्यापमं घोटाले में तीन प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष सहित सात व्यक्तियों को हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत दी है। इन्हें सीबीआई द्वारा आरोपी बनाया गया था। हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस एम एस भट्टी की युगलपीठ प्रकरण में चालान पेश होने, याचिकाकर्ता की उम्र व अन्य आधारों पर याचिकाकर्ताओं को अग्रिम जमानत का लाभ प्रदान किया गया है। गौरतलब है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 2013 के प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) में धांधली करने के आरोप में 18 फरवरी को सीबीआई की भोपाल स्थित विशेष न्यायालय के समक्ष 160 अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इसमें चिरायु मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष अजय गोयनका, पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष एसएन विजयवर्गीय और इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के सुरेश सिंह भदौरिया, डॉ. वीरेन्द्र मोहन, डॉ. रवि सक्सेना, डॉ. विजय कुमार व डॉ. अरुण कुमार अरोरा के नाम शामिल थे।
सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने की आशंका के चलते इन सभी ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से युगलपीठ को बताया गया कि सीबीआई ने साल 2015 में प्रकरण को जांच में लिया था। प्रकरण में विशेष न्यायालय के समक्ष सीबीआई पूर्व में ही चालान पेश कर चुकी है। याचिकाकर्ता को प्रकरण में आरोपी बनाए जाने के संबंध में सीबीआई ने गत 18 फरवरी को न्यायालय के समक्ष आरोप-पत्र प्रस्तुत किया है। सीबीआई द्वारा जांच के सात साल बाद याचिकाकर्ताओं को प्रकरण में आरोपी बनाया गया है। अग्रिम जमानत के लिए याचिकाकर्ताओं की उम्र का हवाला भी दिया गया था। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने शुक्रवार को याचिकाकर्ताओं को सशर्त जमानत का लाभ प्रदान कर दिया है। सीबीआई द्वारा याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अजय गुप्ता व वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल खरे ने पैरवी की।
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