- कई ट्रांसफार्मर जले-बड़ा नुकसान होने की आशंका-शॉर्ट सर्किट से आग संभव नहीं क्योंकि ऐसा होते ही शट डाऊन हो जाता है-जाँच जरुरी
उज्जैन। ज्योति नगर एमपीईबी ग्रिड के समीप स्थित रिपेयरिंग सेंटर में कल शाम लगी आग के बाद कई तरह की बातें सामने आ रही हैं और एक जानकारी के अनुसार नई तकनीक के कारण घरों एवं संस्थानों में यदि शॉर्ट सर्किट से चिंगारी भी निकलती है तो पूरी लाईट अपने आप बंद हो जाती है, फिर खुद एमपीईबी के संभागीय झोन क्षेत्र में इतना बड़ा हादसा कैसे हो गया। इस पूरे मामले की जाँच कराई जाना जरुरी है। उल्लेखनीय है कि ज्योति नगर स्थित 131 केवी के उपकेन्द्र के समीप ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग यूनिट में कल शाम साढ़े 5 बजे के करीब एकाएक आग लग गई थी। अधिकारी इसे शार्ट सर्किट से आग लगने की संभावना जता रहे हैं, जबकि नई तकनीक के कारण घरों एवं संस्थानों में अगर शार्ट सर्किट के दौरान चिंगारी भी निकलती है तो पूरी लाईन अपने आप बंद हो जाती है। ऐसे में एमपीईबी के 24 घंटे ओपन रहने वाले ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग यूनिट में इस तरह के इंतजाम नहीं होना कई तरह के सवाल खड़े करता है। इस पूरे मामले की जाँच होना चाहिए। इधर कल शाम जब अचानक धमाके के साथ आग लगी तथा इसके बाद 50 से 100 फीट ऊंची लपटों के बाद धुआं उठने लगा तो कई किलोमीटर दूर से पूरे शहर में यह नजर आ रहा था।
आग जिस वक्त लगी उस दौरान ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग यूनिट में विभाग के 8 कर्मचारी मौजूद थे। आग भड़कती देख हालांकि यह सारे कर्मचारी वहाँ से जान बचाने के लिए भाग निकले थे। बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रिपेयरिंग यूनिट में लगभग 50 ट्रांसफार्मर रखे हुए थे। उनमें आईल होने के कारण संभवत: शार्ट सर्किट से यह घटना हुई है। इधर आग लगने के तत्काल बाद ही फायर ब्रिगेड को इसकी सूचना दे दी थी और जब तक दमकल की गाडिय़ाँ यहाँ पहुँचती तब तक आधे घंटे तक धमाके होते रहे। फायर ब्रिगेड की 30 लोगों की टीम ने 15 दमकलों के साथ लगभग डेढ़ घंटे में आग बुझाई। विभाग के कार्यपालन यंत्री संधारण अरविंद सिंह ने बताया कि यहाँ लगभग 25 से लेकर 200 केवी तक के 50 से अधिक ट्रांसफार्मर तथा आईल से भरे ड्रम रखे हुए थे। अभी तो शार्ट सर्किट से आग लगने की संभावना जताई जा रही है लेकिन इसकी जाँच कराई जाएगी। इधर प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि विद्युत मंडल की ट्रांसफार्मर रिपेयर यूनिट में जहाँ आग लगी थी उससे कुछ ही दूरी पर ज्योति नगर आवासीय परिसर के पास 132 केवी का उपकेन्द्र भी है। आग अगर यहाँ तक फैल जाती तो गंभीर और बड़ा हादसा हो सकता था। रहवासी क्षेत्र होने के कारण लोग इस घटना से अभी भी भयभीत हैं।
धुएँ और दुर्गंध के कारण जाँच में बाधा
कल शाम हुई आगजनी की इस बड़ी दुर्घटना में भले ही फायर ब्रिगेड की दमकल और रिपेयरिंग यूनिट के कर्मचारियों ने डेढ़ से दो घंटे में आग पर काबू पा लिया था लेकिन विभाग के सूत्रों का कहना है कि इसके बाद भी वहाँ देर रात तक धुआं और दुर्गंध फैली हुई थी। आज सुबह भी यहाँ जले हुए ट्रांसफार्मर और अन्य सामान से रासायनिक पदार्थों की दुर्गंध आ रही है। ऐसे में नुकसान का आंकलन करने में कठिनाई हो रही है। जब तक कि यह धुआं और दुर्गंध पूरी तरह से शांत नहीं होता तब तक जाँच नहीं हो पाएगी।