विदेश

चीन के सामने इमरान ने टेके घुटने, पबजी से हटाया बैन

इस्लामाबाद। चीन के बढ़ते दबाव के सामने इमरान खान सरकार को एक बार फिर घुटने टेकने पड़े। सिर्फ 13 दिनों के भीतर ही इमरान खान सरकार ने ऑनलाइन मल्टीप्लेयर गेम पबजी पर लगे प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। 17 जुलाई को पाक सरकार ने इस गेम को इस्लाम विरोधी बताते हुए बैन कर दिया था लेकिन अब कहा गया है कि कंपनी की तरफ से भरोसा दिलाया गया है जिससे सरकार आश्वस्त है।
बता दें कि पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) ने गुरुवार को प्रॉक्सिमा बीटा (पीबी) कंपनी से गेमिंग प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग को रोकने के आश्वासन के बाद पबजी से प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है। ऐसा माना जा रहा है कि भारत और कई अन्य देशों में पहले ही चीनी कंपनियां बैन और कई अन्य तरह के प्रतिबंध झेल रहीं हैं ऐसे में करीबी पार्टनर पाकिस्तान के पबजी बैन करने से गलत संदेश जा रहा था। पबजी की पैरेंट कंपनी प्रॉक्सिमा बीटा (पीबी) के प्रतिनिधियों ने गेमिंग प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर पीटीए ने संतुष्टि जाहिर करते हुए बैन हटाने का आदेश जारी कर दिया है।

पबजी बैन करने के लिए पाकिस्तान टेलीकम्यूनिकेशन अथॉरिटी ने ही अदालत में सबूत दिए थे और कहा था कि इस ऑनलाइन गेम की वजह से युवा न सिर्फ मानसिक दबाव में हैं बल्कि इसके कई और भी गंभीर दुष्प्रभाव सामने आए हैं। पीटीए ने कहा था कि इस गेम के दबाव के चलते पाकिस्तान में कई युवाओं की आत्महत्या के मामले भी सामने आए हैं। मंत्रालय ने कोर्ट में दलील दी थी कि पबजी गेम में कुछ दृश्य इस्लाम विरोधी होते हैं जिन्हें पाकिस्तान में इजाजत नहीं दी जा सकती है। हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि पाकिस्तान में युवाओं ने इस बैन का कड़ा विरोध किया था और ट्विटर पर बैन के खिलाफ हैश टैग भी चलाया था।
पाकिस्तान में चीन की लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक को बैन करने के लिए भी अर्जी दाखिल की गई है। पाकिस्तान में इसे बैन करने को लेकर धार्मिक कारण दिया गया है। अर्जी में कहा गया है कि टिकटॉक के जरिए इस्लाम विरोधी कंटेंट सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं। उधर इमरान खान की पार्टी तहरीक ए इंसाफ पाकिस्तान को चुनावों में नुकसान का डर भी सता रहा है। पार्टी के सर्वे में सामने आया है कि पबजी और टिकटॉक बैन होना चुनावों में उनके खिलाफ जा सकता है।
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, पबजी गेम के कारण युवाओं में आत्महत्या के तीन मामले सामने आए हैं। बता दें कि पाकिस्तान सरकार ने 2013 में कॉल ऑफ ड्यूटी और मेडल ऑफ ऑनर को बैन कर दिया था। इन गेम्स को बैन किए जाने को लेकर सरकार ने तर्क दिया था कि इस गेम्स में पाकिस्तान को आतंकियों का ठिकाना दिखाया गया था। वहीं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और अलकायदा सहित कई आतंकी संगठनों में संबंध भी दिखाया गया था।

 

Share:

Next Post

शिक्षकों को मिलेगा एक साथ तीन माह का वेतन

Fri Jul 31 , 2020
भोपाल। प्रदेश के एक लाख से अधिक शिक्षकों को तीन माह से वेतन नहीं मिलने का मामला विभाग की कमिश्नर के निर्देश पर सुलझ गया है। अब इन्हें रक्षाबंधन के पूर्व एकमुश्त वेतन दिया जाएगा। गुरुवार को लोक शिक्षण संचालनालय की कमिश्नर जयश्री कियावत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इसके निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। बता […]