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MP में नदी, नाले रौद रुप में, कई जगह बाढ़ जैसे हालात

गुना। जिले में पिछले 36 घंटे से ज्यादा समय से हो रही बारिश (incessant rain) से कई जगह हालात बाढ़ जैसे बन गए हैं। ऐसा लग रहा है, जैसे बादल पंचर हो गए हैं। नयागांव (new village) में साढ़े 3 साल के इस बालक की दीवार गिरने से मौत हो गई, वहीं कई अन्य स्थानों से भी कच्चे मकान गिरने के समाचार निकलकर सामने आ रहे हैं। दूसरी ओर लगातार बारिश (incessant rain) से नदी, नाले रौद्र में आ चुके है तो जिले भर के बांध पानी से लबालब होकर अपनी सीमाएं तोड़ चुके हैं। बड़ी नदियों में पार्वती, कूनो, सिंध और चौपट आदि में जल उच्च स्तर पर है, वहीं सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में है। कई मार्गों का संपर्क पूरी तरह टूट चुका है।

हालात का जायजा लेने कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए एवं एसपी राजीव कुमार मिश्रा भी सक्रिय रहे। सोमवार सुबह एसडीएम अंकिता जैन और सीएमओ तेज सिंह यादव शहर के विभिन्न हिस्सों में पहुंचे। यहां उन्होंने भारी बारिश के कारण पानी के भराव समस्या का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने मौके पर ही पानी निकासी के आदेश दिए। शहर के कई जगह के मकान गिर जाने से परिवार वालों को जज्जी बस स्टैंड में स्थित रैन बसेरा में ठहराया गया है। यहां पीडि़तों के भोजन की व्यवस्था भी की गई।

बात आंकड़ों में करें तो बीती शाम से सोमवार रात तक 5 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। मौसम विभाग ने भी आगामी 24 घंटे के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।

 

थमने का नाम नहीं ले रही है बारिश

आषाढ़ सूखा निकलने के बाद सावन की शुरुआत के साथ ही शुरु हुआ बारिश का दौर अनवरत् जारी है। पहले तो फिर भी रुक-रुककर बारिश हो रही थी, किन्तु पिछले 36 घंटे से ज्यादा समय से तो बादल बिना विश्राम लिए बरस रहे है। इस दौरान कभी तेज बारिश तो कभी रिमझिम तो कभी फुहारें पड़ रहीं है। बारिश है कि थमने का नाम ही नहीं ले रही है। आसमान में जहां बादल घुमड़ रहे है तो बीच-बीच में तेज हवाएं भी चल रहीं है। बारिश की बूंदों के साथ यह तेज हवाएं कोड़ों के सामान लोगों के बदन पर पड़ रही है।

निचली बस्तियां जलमग्न, घरों में घुसा पानी

लगातार बारिश ने हाल बेहाल कर दिए है। शहर की निचली बस्तियां पूरी तरह जलमग्न हो चुकीं है तो कई कच्चे घर गिरने के साथ ही उनमें पानी भी भर चुका है। शहर की रशीद कॉलोनी, राधा कॅालोनी, छाबड़ा कॉलोनी, बांसखेड़ी, घोसीपुरा, भुल्लनपुरा, बजरंगगढ़ मार्ग, नजूल कॉलोनियों में तालाब जैसी स्थिति देखने को मिल रही है। संभ्रांत माने जाने वाली कॉलोनियों में सिसौदिया कॅालोनी, न्यू सिटी कॉलोनी, सोनी कॉलोनी, दलवी नगर, लूशन का बगीचा, भगत सिंह कॉलोनी, गोविंद गार्डन आदि से भी पानी भरने की खबरें निकलकर सामने आ रहीं है।

बमोरी के कई गांव का संपर्क टूटा

सबसे ज्यादा बारिश बमोरी इलाके में हुई है। यहां नदी-नाले उफान पर आ जाने से कई गांव शहर से कट गए हैं। विशनवाड़ा का संपर्क जिले से टूट गया है। पुलियों के ऊपर से पानी लगातार बहने से प्रशासनिक मदद भी वहां नहीं पहुंच पा रही है। ढीमरपुरा में भी यही हाल हैं। इन गांव में कई कच्चे मकान गिर गए। हालांकि किसी प्रकार की कोई जनहानि नहीं हुई है। परवाह में पेड़ गिरने से मकान धराशाई हो गया था। पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने प्रभावित परिवार को राशन और 10 हजार रुपये की प्राथमिक मदद उपलब्ध कराई है। तहसीलदार निर्मल राठौर का कहना है कि जल्द ही प्रकरण बनाकर मुआवजा राशि दी जाएगी।

150 से ज्यादा गांव बाढ़ में घिरे

बमोरी इलाके में पार्वती, सिंध और कूनो नदी उफान पर हैं। लगभग 150 गांव का संपर्क शहर और कस्बों से कट गया है। ढीमरपुरा के रास्ते में नदी उफान पर होने से प्रशासनिक मदद नहीं पहुंच पाई है। बिशनवाड़ा क्षेत्र का संपर्क भी टूट गया है। इस इलाके में 8 गांव के लोग घरों में कैद हो गए हैं। राजस्थान जाने का रास्ता बंद हो गया है। भदौरा से केदारनाथ का मार्ग अवरुद्ध हो गया। जिसके चलते चीराघाट पुल के ऊपर से बारिश का पानी निकला। म्याना क्षेत्र में कई मोहल्ले जलमग्न हो गए। लगातार बारिश के कारण प्रशासन ने केदारनाथ धाम में बाबा के दर्शन पर रोक लगा दी। हालांकि इसके बाद भी लोग यहां पहँुचते रहे। सिंगवासा एवं गोपीकृष्ण सागर सहित अन्य पर्यटकों स्थल पर प्रशासन सक्रिय बना रहा।

 

सोमवार को दूरसंचार सेवाएं ठप रहीं। जहां बीएसएनएल सहित निजी कंपनियों की दूरसंचार सेवाएं प्रभावित रहीं तो जीओ कंपनी की सेवाएं तो करीब 4 घंटे तक पूरी तरह ठफ बनी रहीं।

 

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