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नागालैंड में सुरक्षाबलों ने आम नागरिकों पर की फायरिंग -13 की मौत


मोन । नागालैंड (Nagaland) के मोन जिले (Mon district) के तिरु (Tiru) इलाके में सुरक्षाबलों (Security forces) की फायरिंग (Firing) में 13 नागरिकों की मौत हो गई (13 civilians killed) । इस घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने सुरक्षाबलों की गाड़ियों को आग लगा दी। ग्रामीणों के साथ हुई झड़प में एक जवान की भी मौत हो गई। सेना ने उग्रवाद रोधी अभियान के दौरान आम लोगों की मौत के मामले की ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ का आदेश दिया है, जबकि गृह मंत्री अमित शाह ने न्याय दिलाने का भरोसा दिया है।


सैन्य अधिकारियों ने बताया कि म्यांमार की सीमा से लगने वाले मोन जिले में उग्रवादियों की संभावित गतिविधियों की विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर अभियान चलाया गया था। सेना ने अपने एक बयान में कहा है, ”लोगों की मौत की इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारणों की ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ के जरिए उच्चतम स्तर पर जांच की जा रही है और कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।’’ आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को पूरे मामले की जानकारी दी गई है।
नागालैंड के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री वाई पैटन ने बताया, “आधिकारिक तौर पर, दस लोगों को मृत घोषित कर दिया गया है, ये संख्या और भी बढ़ सकती है।” उन्होंने आगे कहा, ”वे कह रहे हैं कि यह गलत पहचान का मामला है, लेकिन मैं तब तक पुष्टि नहीं कर सकता जब तक मैं मौके पर नहीं पहुंच जाता और पता नहीं लगा लेता हूं।”

ओटिंग के सूत्रों के अनुसार, कुछ स्थानीय लड़के शनिवार शाम एक खदान में काम करके अपने गांव लौट रहे थे, जब सुरक्षा कर्मियों ने उनके गाड़ी पर कथित रूप से फायरिंग शुरू कर दी। समाचार एजेंसी पीटीआई ने कहा, “उनकी मौके पर ही मौत हो गई।” इसमें आगे बताया गया कि सुरक्षा बल एनएससीएन (के) के युंग आंग गुट के उग्रवादियों की गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद इलाके में अभियान चला रहे थे।
नगालैंड में हुई इस घटना पर गृह मंत्री अमित शाह ने दु:ख जताते हुए न्याय दिलाने का भरोसा दिया और कहा, “नागालैंड के ओटिंग में दुर्भाग्यपूर्ण घटना से दुखी हूं। मैं उन लोगों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपनी जान गंवाई है। राज्य सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय एसआईटी शोक संतप्त परिवारों को न्याय दिलाने के लिए इस घटना की पूरी जांच करेगी।”

इस मामले को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर केंद्र सरकार और गृह मंत्री पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर पूछा, ”यह हृदय विदारक है। भारत सरकार को सही जवाब देना चाहिए। गृह मंत्रालय वास्तव में क्या कर रहा है जब न तो नागरिक और न ही सुरक्षाकर्मी हमारी जमीन पर सुरक्षित हैं ?”

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