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भारत की सबसे कठिन धार्मिक यात्राएं, यहां जाना सबके बस की बात नहीं

नई दिल्ली। देश में ऐसे कई धार्मिक स्थल (Many such religious places in the country) हैं, जहां की यात्रा सबसे कठिन (Toughest Religious Tours In India) मानी जाती है. इन जगहों पर जाना भी मुश्किल है और कुछ खास परिस्थितियों में लोगों को यहां जाने की इजाजत भी नहीं मिलती. हालांकि इन कठिनाइयों के बावजूद लाखों की संख्या में यात्री इन पवित्र स्थलों की यात्रा करते हैं. जानें भारत की सबसे मुश्किल धार्मिक यात्राओं के बारे में-

श्रीखंड महादेव की यात्रा खास है। इसे भारत के सबसे कठिन ट्रेक में से एक माना जाता है। यहां जाने के लिए आपको पहले जंगलों से गुजरना होता है और फिर लंबी दूरी पहाड़ों पर चढ़ाई करके तय करनी होती है।


अमरनाथ यात्रा भी भारत की सबसे मुश्किल धार्मिक यात्राओं में से एक है. इसके लिए भी यात्रियों लंबी दूरी पैदल चलकर तय करनी पड़ती है. पहाड़ पर ठंड में चढ़ाई करना काफी मुश्किल होता है।

केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है. यह मंदिर काफी ऊंचाई पर स्थित है. यहां पहुंचने के लिए तीर्थयात्रियों को कठिन और सीधी चढ़ाई चढ़नी होती है।

हेमकुंड साहिब तक पहुंचने के लिए करीब 14 किलोमीटर की खतरनाक चढ़ाई करनी होती है. यहां जाने के लिए गोविंदघाट तक गाड़ी से जा सकते हैं. दिल्ली से इस जगह की दूरी करीब 505 और ऋषिकेश से 255 किलोमीटर है. पहाड़ पर ठंड में चढ़ाई करना मुश्किल होता है और इसमें 12-14 घंटे लगते हैं।

आदि कैलाश की यात्रा का सबसे अधिक महत्व है। इसे भारत की सबसे कठिन धार्मिक यात्रा कहा जा सकता है. ये समुद्र तल से 5,945 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यहां पहुंचने के लिए लंबी दूरी पैदल चलकर तय करनी पड़ती है. यहां का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन तनकपुर है जो करीब 239 किलोमीटर दूर है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।

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