आचंलिक

खनिज विभाग और वन विभाग के संरक्षण से माफिया हो रहे मालामाल

  • सरकार को लग रहा करोड़ों का चूना

सिरोंज, सईद खांन। खनिज विभाग का अंकुश नहीं लगने से अवैध उत्खननकर्ता हुऐ निरंकुश जिले की सिरोंज सहित अन्य तहसीलों में भी गजब का चल रहा है काला खेल खनिजों का अवैध उत्खनन एवं परिवहन काफी लंबे समय से चल रहा है, और वर्तमान परिस्थिति अनुसार परिवहन के इस अवैध खेल में खनिज विभाग का पूरा-पूरा मौन समर्थन दिखाई देता है।
क्योंकि अतिरिक्त कमाई के चक्कर में खनिज विभाग के अधिकारी शासन को हर रोज सेटिंग के चलते लाखों रुपयों का चूना लगा रहे हैं। अवैध रूप से बालू पत्थर परिवहन के मामले में जिस तरह के हथकंडे अपनायें जाते हैं। वह सब विभागीय अधिकारियों द्वारा बताये जाते हैं, अवैध परिवहन और ओवरलोडिंग के मामले में कई गुना पैसों का खेल चलता है स सूत्रों के अनुसार 15 फ़ीसदी ओवरलोड ट्रक बिना नंबर या गलत नंबर लगा कर चलते हैं। जिनसे खनिज विभाग पैसा तो वसूलता ही लेता है, लेकिन उनके खिलाफ कार्यवाही करने से कतराता जिस की वजह से अवैध उत्खननकर्ता के खिलाफ कार्यवाही नहीं हो पाती है स सिरोंज और उसके आसपास के क्षेत्र में अवैध उत्खननकर्ता द्वारा बिना लीज की खदानों पर अबैध उत्खनन जारी है, एवं बड़े बड़े ट्रक बिना नंबर के गैर जिम्मेदार अधिकारीयों की कृपा से चलने की भी खबर है। असली खेल तो टीपी और रमन्ना को लेकर किया जाता है। फर्जी टीपी के आधार पर ट्रक खनिज विभाग की मिलीभगत से निकाल दिऐ जाते हैं स वहीं दूसरी तरफ शासन और प्रशासन रेत के अवैध परिवहन पर रोक लगा पाने में नाकाम साबित हो रहा है ।



ओवरलोडिंग का लंबा गेम चलता है…
मजे की बात यह है कि ओवरलोडिंग के गेम में टोल प्लाजा के लोग भी मिले हुऐ रहते हैं इस लिऐ नियमानुसार कार्रवाई नहीं की जाती है, टोल प्लाजा पर फास्ट टैग में भी घोटाला करके ट्रक वाले निकल जाते हैं स होता यूं है कि जब तक खाली रहता है तो उसमें फास्ट टैग लगा रहता है और जब ट्रक ओवरलोड रहता है तो उसमें से फास्ट टैग हटाकर डबल पैसा दे दिया जाता है, इसी की आड़ में यह तय नहीं हो पाता है कि कितना माल किस ट्रक में भरा हुआ है। जिले के सिरोंज आसपास का क्षेत्र पहाड़ों और वन परिक्षेत्रों से लगा हुआ है जहां चोरी-छिपे खनिज माफिया खदानों से मुरम, कोपरा रेत, सहित अन्य खनिज का व्यापक पैमाने पर अवैध दोहन कर रहे हैं। जिस तरह से खनिज माफिया क्षेत्र में सक्रिय हैं उससे न सिर्फ खनिज विभाग बल्कि वन क्षेत्रों में तैनात वन कर्मचारियों पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार क्षेत्र में सक्रिय माफियाओं की जानकारी जिम्मेदार अधिकारियों तक क्यों नहीं पहुंच रही तो वहीं कार्रवाई को लेकर विभाग सक्रिय क्यों नहीं है। अनाधिकृत रूप से मुरम, कोपरा,रेत माफियाओं ने खदाने लगाकर पुरासम्पदाओं का दोहन कर रहे हैं। अवैध उत्खनन के पत्थर तोडऩे के लिए खनिज की खुदाई माफियाओं द्वारा की जाती पर उससे लगे हुऐ गांव के ग्रामीणों के साथ-साथ वन क्षेत्र के वन्य प्राणियों को भी जीवन का खतरा उत्पन्न हो गया है स वे धमाका होने पर वन में इधर-उधर अपने को बचाने के लिए भागते नजर आते हैं। बताया जा रहा है कि खुदाई के दौरान वन क्षेत्र के वन्य प्राणियों की कई बार मौत भी हो चुकी है बावजूद इसके खुदाई को रोकने का काम न तो खनिज विभाग नहीं कर रहा है। यही वजह है कि माफियाओं के हौंसले बुलंद हैं। खनिज विभाग की उदासीनता इस कदर हाबी हो चुकी है कि खनिज माफियाराज लम्बे समय से चल रहा है,पर जिले का खनिज विभाग चुप्पी साधे बैठा है। सिरोंज के संरक्षित वन क्षेत्र में चल रही अवैध खदानों पर शीघ्र ही कार्रवाई की जायेगी ऐसा अधिकारी हर कहते आये हैं। लेकिन कार्यवाही के नाम पर कागजी खानापूर्ति अभी तक की जाती रही है।

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