- दिसंबर में चुनाव नहीं हुए तो फिर बनेगी मतदाता सूची
भोपाल। प्रदेश में राज्य निर्वाचन आयोग ने निकाय एवं पंचायत चुनाव की तैयारी पूरी कर ली है, लेकिन महापौर, नगर पालिका अध्यक्षों एवं जिला पंचायत अध्यक्षों के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी नहीं होने की वजह से निकाय चुनाव का कार्यक्रम अटका हुआ है। यदि अगले एक महीने के भीतर आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर निकाय चुनाव नहीं होते हैं, तेा फिर चुनाव अगले दो-तीन महीने आगे बढऩे की संभावना है। क्योंकि दिसंबर के बाद मतदाता सूची नए सिरे से बनेगी। जिसमें डेढ़ से दो महीने का समय लगेगा। प्रदेश के नगरीय निकायों में मतदाता सूची को अंतिम रूप देने का काम चल रहा है। 16 दिसंबर तक यह पूरा हो जाएगा। नियमानुसार जिस वर्ष में मतदाता सूची तैयार होती है, उसी वर्ष में चुनाव होना चाहिए। यदि 31 दिसंबर से पहले चुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं हुआ तो मतदाता सूची का काम दोबारा करना होगा। ऐसी स्थिति में 1 जनवरी 2021 को 18 वर्ष की आयु पूरी करने वालों के नाम भी मतदाता सूची में शामिल करना होंगे। जानकार बताते हैं कि मतदाता सूची को अंतिम रूप देने के साथ ही चुनाव की प्रक्रिया जारी रखी जा सकती है। ऐसी स्थिति में दिसंबर के अंतिम सप्ताह या जनवरी के प्रथम सप्ताह के बीच मतदान हो सकता है। नगरीय आवास एवं विकास विभाग ने महापौर व नपाध्यक्ष के आरक्षण का कार्यक्रम बनाया था। लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व विभागीय मंत्री भूपेंद्र सिंह के विधानसभा उपचुनाव में व्यस्त होने के कारण इस पर निर्णय नहीं हो सका। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव दुर्ग विजय सिंह के अनुसार नगरीय निकाय चुनाव के लिए हमारी तैयारी पूरी है। राज्य शासन आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर दे तो हम तत्काल चुनाव करा सकते हैं।
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