इंदौर न्यूज़ (Indore News)

ऊंची इमारतों और कालोनियों के लिए नई भवन अनुज्ञा समिति गठित

  • निगमायुक्त ने जारी किए फेरबदल आदेश, विवादित खरे को हटाकर सोनी को सौंपी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी, गोयल भवन अनुज्ञा मुख्यालय के साथ कंसोल सिस्टम भी देखेंगे

इंदौर। एक तरफ नगर निगम द्वारा अवैध निर्माणों और अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, जिसके चलते स्वीकृत अभिन्यास के विपरीत हुए निर्माणों को नोटिस देने और उनका रिमूव्हल भी किया जा रहा है, वहीं सालों तक मुख्य नगर निवेशक के साथ-साथ भवन अनुज्ञा शाखा के प्रभारी रहे विष्णु खरे पर भी आयुक्त ने गाज गिराई और उन्हें न सिर्फ हटाने, बल्कि शासन को पत्र भेजकर प्रतिनियुक्ति से वापस बुलाने को भी कहा गया। अब आयुक्त ने नए सिरे से ऊंची इमारतों के साथ-साथ एक एकड़ से अधिक की कालोनियों के विकास और भवन अनुज्ञा के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसका जिम्मा अपर आयुक्त संदीप सोनी को सौंपा गया है, वहीं भवन अधिकारी मुख्यालय अनूप गोयल को उनकी वर्तमान जिम्मेदारी के अलावा कंसोल सिस्टम का प्रभारी भी बनाया गया है, वहीं लोकायुक्त, आर्थिक अपराध, विधानसभा, सीएम हेल्पलाइन से लेकर भवन अनुज्ञा शाखा से संबंधित अन्य कार्यों की जिम्मेदारी भी वे संभालेंगे।

शासन के निर्देश पर जहां नगर निगम ने अवैध निर्माणों को वैध करने की सुविधा कम्पाउंडिंग के तहत दी, मगर उसमें यह शर्त रही कि स्वीकृत अभिन्यास के आधार पर ही 30 फीसदी तक किए गए अवैध निर्माणों की कम्पाउंडिंग की जा सकेगी, लेकिन उपयोग परिवर्तन, एमओएस पार्किंग में किए गए अवैध निर्माणों की कम्पाउंडिंग नहीं होगी। निगम ने लगभग 100 करोड़ रुपए की राशि कम्पाउंडिंग के जरिए अर्जित की, मगर कई मामलों में यह शिकायत मिली कि बिल्डरों ने जो स्वीकृत योग्य नहीं है, उसकी भी कम्पाउंडिंग के ऑनलाइन आवेदन कर राशि जमा करवा दी। इसमें नगर निगम के इंजीनियरों की मिलीभगत भी सामने आई।


इसके चलते आयुक्त प्रतिभा पाल ने ऐसी अवैध इमारतों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू की और एमआईजी क्षेत्र में अन्नपूर्णा ड्रेसेस से लेकर अभी पिछले दिनों विजय नगर, योजना क्र. 54, एबी रोड सहित अन्य क्षेत्रों में बनी बिल्डिंगों को नोटिस भी दिए और उनके अधिभोग तथा कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र भी निरस्त कर दिए गए। इतना ही नहीं, बिचौलीहब्सी में प्रगति ग्रीन में 16 बंगलों की भवन अनुज्ञा भी निरस्त की गई, वहीं एक गृह निर्माण संस्था की जमीन पर दी गई गलत अनुमति और अन्य मामलों में लिप्त रहे विष्णु खरे के खिलाफ भी कार्रवाई की गई।

आयुक्त ने कल जारी किए अपने आदेश में मुख्य नगर निवेशक के रूप में पदस्थ रहे खरे को भवन अनुज्ञा संबंधी सभी कार्यों से मुक्त कर दिया और प्रशासनिक कार्य सुविधा की दृष्टि से अनूप गोयल भवन अधिकारी मुख्यालय को प्रमुख कार्यपालन यंत्री भवन अनुज्ञा शाखा का अतिरिक्त जिम्मा भी सौंपा गया। गोयल लोकायुक्त, आर्थिक अपराध, लोक सूचना, न्यायालयीन प्रकरणों, विधानसभा, सीएम हेल्पलाइन, शासन-प्रशासन और अन्य वरिष्ठ कार्यालयों से आने वाले प्रकरणों के अलावा ऑटो मैटिक बिल्डिंग एप्रूवल प्लान सिस्टम, जिसे निगम में कंसोल कहा जाता है के माध्यम से भी समयबद्ध कार्रवाई करवाएंगे, वहीं आयुक्त ने चार सदस्यीय भवन अनुज्ञा समिति का गठन भी किया, जिसमें अपर आयुक्त संदीप सोनी, कार्यपालन यंत्री दिलीपसिंह चौहान, अनूप गोयल के साथ ही उपयंत्री सत्येन्द्रसिंह राजपूत को शामिल किया गया। यह समिति साढ़े 12 मीटर ऊंचाई एवं एक एकड़ क्षेत्रफल से अधिक के भूखंडों पर आवासीय या गैर आवासीय प्रकरणों की मंजूरी देगी।

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