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उपचुनाव से पहले नीतीश कुमार का बड़ा फैसला

पटना: बिहार की गोपालगंज और मोकामा (Gopalganj and Mokama) सीट पर 3 नवंबर को होने वाले उपचुनाव (by-election) से ठीक पहले महागठबंधन (grand alliance) में बड़ी दरार देखने को मिल रही है. इन सीटों पर अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आरजेडी उम्मीदवार (RJD candidate) के लिए प्रचार नहीं करेंगे. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने पेट और पैर में लगी चोट का हवाला देते हुए कहा कि वह अभी अस्वस्थ हैं, इस कारण वह मोकामा और गोपालगंज में आरजेडी उम्मीदवारों के लिए प्रचार नहीं कर पाएंगे. हालांकि, उन्होंने कहा कि जेडीयू के अन्य बड़े नेता दोनों सीटों पर आरजेडी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने जाएंगे.

महागठबंधन सरकार बनने के बाद से ही नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव लगातार यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि महागठबंधन बिल्कुल एकजुट है. इस बार कोई दिक्कत नहीं है लेकिन आगामी उप चुनाव में जनता दल यूनाइटेड और आरजेडी के बीच में पहली दरार पैदा कर दी है. मोकामा विधानसभा सीट के उपचुनाव में अनंत सिंह पत्नी नीलम देवी आरजेडी की उम्मीदवार हैं. नीलम देवी बाहुबली नेता और पूर्व विधायक अनंत सिंह की पत्नी हैं. यह बात जगजाहिर है कि नीतीश कुमार के अनंत सिंह के साथ रिश्ते बेहद खराब हैं. अनंत सिंह अभी जेल में बंद है. ऐसे कहा जाता है कि उसे सलाखों के पीछे भेजने में नीतीश सरकार की बड़ी भूमिका है.

नीतीश कुमार ने बुधवार को महागठबंधन के दल और आरजेडी के दबाव में मोकामा में प्रचार करने की हामी भर दी थी लेकिन दोपहर होते-होते उन्होंने गंगा घाट के निरीक्षण के दौरान लगी चोट को मीडिया को दिखा दिया. इसके बाद से इस बात को बल मिल गया कि शायद अब इसी का बहाना बनाकर नीतीश उपचुनाव में प्रचार प्रसार नहीं करेंगे और आखिरकार हुआ भी यही.


जेडीयू के राष्ट्रीय अध्ययक्ष ललन सिंह मोकामा में कैंप करेंगे. इस दौरान अलग-अलग क्षेत्रों में जनसंपर्क और छोटी जनसभा को संबोधित करेंगे. ललन सिंह जिस अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी के पक्ष में कैंपेन करेंगे, कभी उसे ही चुनाव में हराने पर अमादा थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में मुंगेर सीट पर ललन सिंह को नीलम देवी ने कड़ा टक्कर दिया था. मुकाबला इतना जोरदार था कि मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में आने वाले इसी मोकामा में अनंत सिंह पिछड़ भी गए थे. हालांकि बाकी जगह वे भारी पड़े थे. राजनीति ने ऐसी करवट ली की ललन सिंह अब नीलम देवी को जिताने के लिए दो दिनों तक मोकामा में रहेंगे.

मोकामा विधानसभा सीट पर आरजेडी की नीलम देवी का मुकाबला बीजेपी की प्रत्याशी बाहुबली ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी से है. बीस सालों से मोकामा सीट पर अनंत सिंह का कब्जा है, बीजेपी यहां पर कभी भी जीत नहीं सकी. इस सीट कुल 16 चुनाव में 7 बार कांग्रेस, तीन बार जेडीयू, तीन बार निर्दलीय उम्मीदवार, दो बार जनता दल और एक बार आरपीआई ने जीत दर्ज की है. बिहार के बदले हुए सियासी समीकरण में बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है तो महागठबंधन भी किसी तरह का कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता.

मोकामा सीट से विधायक रहे अनंत सिंह को सजा सुनाए जाने के बाद विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. वहीं, गोपालगंज सीट विधायक सुभाष सिंह के निधन के कारण रिक्त हो गई थी. मोकामा सीट आरजेडी के पास थी तो गोपालगंज बीजेपी के पास थी. बिहार में नीतीश कुमार के बीजेपी से नाता तोड़कर महागठबंधन में वापसी के बाद यह पहला उपचुनाव है, जिसके चलते दोनों ही दलों की साख दांव पर लगी है. सत्ताधारी महागठबंधन के साथ ही विपक्षी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने पूरी ताकत झोंक दी है. मोकामा सीट से उपचुनाव में महागठबंधन के सबसे बड़े घटक दल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को उम्मीदवार बनाया है.

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