सभी विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों की गणना भी होगी
इंदौर। प्रशासनिक संकुल में जनसुनवाई के अलावा रोजाना बड़ी संख्या में आम जनता का भी आना-जाना लगा रहता है। लिहाजा कर्मचारियों को भी हिदायत दी गई है कि जनता से जुड़े कामों को प्राथमिकता से हल किया जाए और इसमें कोताही बरतने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जाती रही है। अभी एक राजस्व निरीक्षक को नोटिस थमाने के अलावा कलेक्टर ने अपने पीए नलीन पाठक पर भी गाज गिराई और उन्हें हटाते हुए विभागीय जांच शुरू करने के भी निर्देश दिए, वहीं दूसरी तरफ सभी सरकारी विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों की गणना भी करवाई जाएगी और यह कार्य 31 मार्च 2022 की स्थिति में होगा, जो कि 5 जून तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
कुछ सरकारी विभागों में एवजी कर्मचारियों की भी शिकायतें मिलती रही है। भू-अभिलेख कार्यालय में एवजी से संबंधित शिकायत सामने आई और एक अफसर की कुर्सी पर एवजी को बैठा पाने का मामला सामने आने पर अपर कलेक्टर राजेश राठौर ने राजस्व निरीक्षक आरएल खेड़ेकर को नोटिस जारी किया है। दूसरी तरफ कलेक्टर मनीष सिंह ने अपने निज सहायक यानी पीए नलीन पाठक को भी हटा दिया और उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू करवाई और उनकी जगह दिनेश शर्मा को जिम्मेदारी सौंपी गई है। पाठक पर यह आरोप है कि उनका अधिकारियों के साथ व्यवहार अच्छा नहीं रहता था और पिछले दिनों मीटिंग में भी कलेक्टर ने इसका उल्लेख किया था। दरअसल पूर्व में भी एक पीए बड़े चर्चित थे, जो अधीनस्थ अधिकारियों के साथ दुव्र्यवहार करते थे। अभी इसी तरह की शिकायत पाठक के मामले में मिली, जिन्होंने पिछले दिनों एक अपर कलेक्टर से भी ठीक तरह से बात नहीं की, जिसके चलते कलेक्टर ने उसे हटाने के साथ-साथ जांच भी शुरू करवा दी। दूसरी तरफ सभी सरकारी विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों की गणना करवाने का भी निर्णय लिया है। कलेक्टर मनीष सिंह के मुताबिक गणना का यह काम 31 मार्च की स्थिति में होगा और 5 जून तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। प्रशासनिक क्षेत्र में नियोजन गणना प्रतिवर्ष कराई जाती है। इस वर्ष 31 मार्च की स्थिति के आधार पर यह गणना होगी। शासन योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा समस्त शासकीय कार्यालयों में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी, नगरीय एवं ग्रामीण स्थानीय निकायों तथा विकास प्राधिकरणों में कार्यरत अधिकारियों-कर्मचारियों की जानकारी का संकलन किया जाता है। समेकित जानकारी का प्रकाशन विधानसभा के बजट सत्र में प्रस्तुत कर वितरित किया जाता है।
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