- तीनों क्लस्टर से 300 करोड़ का जीएसटी मिलेगा सरकार को
- उद्योगपतियों से मंत्री बोले- जल्दी बनाकर दो प्रोजेक्ट रिपोर्ट
इंदौर। कल सूक्ष्म लघु उद्योग मंत्री (industries minister) के सामने 3 नए क्लस्टर (cluster) बनाने की योजना बताते हुए कहा कि इन तीनों क्लस्टर (cluster) से न सिर्फ सैकड़ों लोगों को रोजगार मिले, वही सरकार (Government) को हर साल लगभग 300 करोड़ रुपए का जीएसटी (Gst) मिलेगा ।
शहर (City) सीमा से बाहर के इलाकों में कन्फेक्शनरी, फर्नीचर, खिलौना क्लस्टर (cluster) की तर्ज पर अब तीन नए क्लस्टर बनाए जाएंगे। उद्योगपतियों के संगठन एसोसिएशन (Association) ऑफ इंडस्ट्री मध्यप्रदेश (Madhyapradesh) के अध्यक्ष प्रमोद डाफरिया ने उद्योगपतियों के साथ मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा से इस सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि शहर में प्लास्टिक, बैटरी, दाल मिल उद्योग से सम्बन्धित सैकड़ों यूनिट अलग-अलग स्थानों पर काम कर रही हैं। पालदा में दाल मिल क्षेत्र में अब दाल मिलों के अलावा पीवीसी प्रोजेक्ट, आइल मिल इंजीनियरिंग यूनिट काम कर रही है। शहर में दाल मिल उद्योग बहुत पुराना है। इसे नोटिफाइड करने के लिए सरकार से सालों से मांग कर रहे हैं, जिससे इस उद्योग को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। मगर अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। धीरे-धीरे इस दाल मिल औद्योगिक क्षेत्र में अन्य उद्योग खुल गए।
इसलिए हम चाहते हैं कि मॉर्डन फ़ूड प्रोसेसिंग क्लस्टर बनाया जाए। इसके अलावा शहर में प्लास्टिक व बैटरी की कई इकाइयां असंगठित हो, इधर-उधर अपनी जगहों पर काम कर रही है, जिनका संयुक्त रूप से करोड़ों का टर्नओवर है। यदि बैटरी व प्लास्टिक कलस्टर बनाए जाते हं तो यह उद्योग संगठित होंगे, जिससे इससे जुड़े लोगों को अलग-अलग भटकना नहीं पड़ेगा। यह बातें सुनने के बाद मंत्री व उनके साथ आये अधिकारियों ने संगठन के पदाधिकारी उद्योगपतियों से तीनों क्लस्टर की प्रोजेक्ट रिपोर्ट लेकर जल्दी मिलने को बोला और भरोसा दिलाया कि हम नियमानुसार हर सम्भव मदद करेंगे। संगठन ने अग्निबाण को बताया कि वह अगले सप्ताह से 3 नए क्लस्टर की डीपीआर यानी प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने का काम शुरु कर देंगे।
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