शिमला. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में मानसूनी बारिश (Monsoon rains) आफत बनकर बरस रही है. राजधानी शिमला समेत राज्य के अधिकांश भागों (Most parts of the state including Shimla) में शुक्रवार को भी जमकर बादल बरसे. राज्य में लगातार हो रही बारिश की वजह से जनजीवन प्रभावित हो रहा है तथा भूस्खलन और चट्टानें गिरने की घटनाओं से लोग सहम गए हैं. वहीं, शनिवार सुबह भी बादल छाए हुए हैं.
राज्य आपदा प्रबंधन के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान वर्षा से जुड़ी घटनाओं में तीन लोगों की मृत्यु हुई. सिरमौर में सड़क दुर्घटना, चंबा में पहाड़ी से गिरने और कुल्लू में फिसलने से एक-एक व्यक्ति की जान गई. मानसून सीजन के दौरान विभिन्न हादसों में 211 लोग मारे जा चुके हैं. वहीं, लाहौल के तोंजिंग नाले में बहे तीन लोगों को अब भी कुछ पता नहीं चला है. यहां से अब तक सात शव निकाले गए हैं.
कहां-कहां क्या है हाल
राज्य आपदा प्रबंधन की तरफ से जारी आंकड़ों पर नजर डालें, तो शुक्रवार को 462 सड़कें भूस्खलन के कारण बाधित हुई हैं. सबसे ज्यादा 165 सड़के मंडी जिला में बंद हैं. शिमला में 116, कुल्लू में 47, हमीरपुर में 37, सिरमौर में 30, कांगड़ा में 21, लाहौल-स्पीति में 19, चंबा में 14, सोलन में 12, किन्नौर में छह और उना में एक सड़क अवरूद्व है. बिलासपुर में कोई सड़क बंद नहीं है. पांच जिलों में 94 पेयजल परियोजनाओं के ठप पड़ गई हैं. कुल्लू में सबसे ज्यादा सर्वाधिक 41 पेयजल परियोजनाएं ठप हैं, जबकि लाहौल-स्पीति में 35, सिरमौर में नौ, शिमला में सात और चंबा में दो पेयजल परियोजनाएं बंद हैं. इसके अलावा 41 ट्रांसफार्मर भी बंद हैं. लाहौल-स्पीति और चंबा में 18-18 और सिरमौर में चार और मंडी में एक ट्रांसफार्मर ठप है. बारिश के कारण 29 कच्चे व पक्के मकान और 14 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं.
नेशनल हाईवे दरक गया
जिला सिरमौर में पहाड़ी दरकने से राष्ट्रीय राजमार्ग ढह गया. शिलाई-हाटकोटी राष्ट्रीय राजमार्ग 707 के काली ढांक बड़वास के समीप ढहने से अफरातफरी फैल गई. गनीमत यह रही कि भूस्खलन की इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ.
क्या कहते हैं डीसी
उपायुक्त सिरमौर राम कुमार गौतम ने बताया कि सतौन से कमरउ व शिलाई-हाटकोटी की तरफ जाने के लिए पांवटा साहिब से वैकल्पिक सडक मार्ग कफोटा-वाया जाखना जोंग-किलौर का इस्तेमाल कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि इस भूस्खलन में किसी भी प्रकार की जान माल की हानि नहीं हुई है. राजधानी शिमला के उपनगर शोघी के पास कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आने से एक कार क्षतिग्रस्त हुई. हादसे में चार सैलानी घायल हुए हैं. राजस्थान से ट्रैकिंग के लिए लाहौल-स्पीति आए तीन युवक संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए हैं. ये तीनों सिस्सू में एक होटल में रूके थे, लेकिन पिछले तीन दिनों से वापिस नहीं लौटे. प्रशासन व आपदा प्रबंधन की टीमें इनको तलाश कर रही है. मौसम विभाग ने तीन अगस्त तक राज्य में व्यापक बारिश की चेतावनी दी है. मैदानी व मध्यवर्ती इलाकों के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट भी जारी किया है. राज्य में पांच अगस्त तक मौसम के खराब रहने की संभावना है.
कहां हुई कितनी बारिश
पिछले 24 घंटों के दौरान नैना देवी में सर्वाधिक 125 मिमी बारिश हुई. इसके अलावा मंडी में 99, संगड़ाह व बिजाही में 60-60, जतौन बैरेज में 53, पांवटा साहिब में 47, जोगेंद्रनगर में 46, धर्मशाला में 45, घुमरूर में 37, बलद्वारा व गोहर में 36-36, देहरा गोपीपुर में 33-33, अंब में 32, पच्छाद में 30, मनाली में 27, पंडोह व नुरपुर में 26-26, गग्गल व कुफरी में 25-25 और जुब्बड़हटी में 24 मिमी बारिश हुई. राजधानी शिमला में दिन भर रूक-रूक कर बारिश का दौर चलता रहा, जिसका आम जनजीवन पर असर देखा गया.