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दीपोत्सव पर जगमगाई राम जन्मभूमि, प्रभु श्रीराम भव्य दरबार में जल्द होंगे विराजमान

-साल 2023 तक पूरा हो जाएगा राम मंदिर का कार्य

अयोध्या। अयोध्या (Ayodhya) में एक ओर जहां सरयू नदी (Saryu river) छोटे-छोटे दीपों से जगमगा (lit up with small lamps) रही थी, वहीं भगवान राम का जन्मभूमि स्थल हजारों दीपों से रोशन (The birthplace of Lord Ram is illuminated by thousands of lamps) था। पांचवे दीपोत्सव के अवसर पर दुल्हन सी सजी अयोध्या के बीच गर्भ गृह अपनी अलौकिक छटा बिखेर रहा था। मानो श्रीराम जन्मभूमि पर त्रेतायुग आ गया है। पूरे श्रीराम जन्मभूमि परिसर को रंगोली तथा मिट्टी के दीये से स्वास्तिक, ऊं के साथ पंक्ति में भव्य तरीके से सजाया गया।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चम्पत राय ने बताया कि वर्षों का इंतजार अब जल्द ही खत्म होने वाला है। महज दो साल के भीतर प्रभु श्रीराम अपने भव्य दरबार में विराजमान होंगे। राम भक्तों के लिए अयोध्या में भव्य और दिव्य राममंदिर का निर्माण कार्य साल 2023 तक पूरा हो जाएगा। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की पावन जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण कार्य जोर-शोर से चल रहा है।


विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय मंत्री गोपाल राय ने बताया कि नींव का काम 15 दिनों के भीतर पूरा हो जाएगा। इसके बाद आगे का निर्माण कार्य तेजी से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2023 तक राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा और रामलला वहां विराजमान हो जाएंगे। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए ट्रस्ट तेजी से निर्माण पूरा करने में जुटा हुआ है।

जोधपुर से लेकर बेंगलुरु के पत्थर बढ़ाएंगे राम मंदिर की शोभा
गोपाल राय ने बताया कि राम मंदिर को भव्य और दिव्य बनाने के लिए देश के अलग-अलग कोनों से बेशकीमती पत्थर मंगाए गए हैं। इसमें कई तरह के नक्काशीदार पत्थर राजस्थान, बेंगलुरु, जोधपुर से आये हैं। राम मंदिर को भव्य और दिव्य बनाने के लिए छोटी-छोटी बारीकियों का ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि राम मंदिर की चौड़ाई 235, ऊंचाई 161 और लंबाई 360 फुट होगी। राम मंदिर को 700 से 800 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा है। (एजेंसी, हि.स.)

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