रालामंडल अभयारण्य में नाइट सफारी बंद…
रात में पर्यटन अवैध…अधिकारी बोले – वन्य जीवों की नींद में खलल डालने का किसी को कोई अधिकार नही
इन्दौर। कल भोपाल से इंदौर रालामंडल अभयारण्य का दौरा करने आए अधिकारी ने रालामंडल अभयारण्य में इंदौर वन विभाग की योजना नाइट सफारी पर्यटन को गलत बताया है, जबकि यह योजना पिछले साल 2022 में शिवराज सरकार के मंत्रियों के निर्देश पर शुरू की गई थी। जुलाई से शुरू हुए नाइट सफारी टूरिज्म में सिर्फ 3 माह में महज 355 पर्यटकों ने ही सफर किया, जिससे लगभग 1 लाख रुपए की आय हुई। इसके बाद पिछले 15 महीनों में नाइट सफारी के लिए एक भी पर्यटक ने बुकिंग नहीं कराई।
भोपाल से आए अधिकारी ने कहा कि सिर्फ अभयारण्य ही नहीं, किसी भी जंगल में नाइट सफारी पर्यटन के कारण वन्यजीवों की नींद में खलल डालना, यानी रात में वाइल्ड लाइफ में डिस्टर्बेंस मतलब व्यवधान पैदा करना सरासर गलत है। जबकि इंदौर वन विभाग इस नए साल में नाइट पर्यटकों के लिए नए आकर्षक प्रस्ताव व अन्य सुविधाओं के साथ नाइट सफारी योजना की री-लांचिंग की योजना तैयार करके बैठा था, मगर भोपाल के अधिकारी के इस बयान के बाद नाइट सफारी योजना को बंद करने का निर्णय लिया गया है।
टेलिस्कोप तुरंत लगाने के निर्देश दिए
कल रालामंडल अभयारण्य का दौरा करने आए वन्यजीव प्रधान संरक्षक असीम श्रीवास्तव के सामने तितली पार्क, बच्चों के लिए मनोरंजन पार्क, 2 तालाब, पहाड़ी पर सीमेंट रोड बनाने के साथ ही नाइट सफारी योजना का प्रजेंटेशन दिया गया था। इस दौरान पिछले साल रालामंडल के पास मौजूद लगभग 10 लाख रुपए के टेलिस्कोप के बारे में भी जानकारी दी तो उन्होंने इसे तुरंत लगाने के निर्देश दिए। यह टेलिस्कोप पिछले लगभग एक साल से कार्टून बॉक्स में बंद पड़ा है। डीएफओ के अनुसार इस टेलिस्कोप के जरिए करीब 20 किमी दूर तक के नजारे देखे जा सकेंगे।
भोपाल से आए वरिष्ठ अधिकारी ने नाइट सफारी को गलत बताया है, इसलिए अब रालामंडल में नाइट सफारी नहीं होगी।
महेंद्रसिंह सोलंकी, डीएफओ, वन विभाग, इंदौर