भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

सूरमा के बतोले

मुद्दतों बाद उठाए थे पुराने कागज़़
साथ तेरे मिरी तस्वीर निकल आई है

ये जो बिलेक एंड वाइट कदीमी और शिकस्ता फोटू आप देख रय हैं, ये कई मायनों में तारीखी हेगा साब। इसे सन 1965 में लाल कोठी, बोलेतो राज भवन में खींचा गया था। मौका था उस वखत के गवर्नर हरि विनायक पाटस्कर साब के फेयरवेल का। इस तारीखी तस्वीर की खास बात ये हेगी के इसमें गवर्नर साब के साथ भोपाल के दूसरी पीढ़ी के जानेमाने सहाफी (पत्रकार) शामिल हैं। हरि विनायक पाटस्कर दो दफे सूबे के गवर्नर रहे। उनका पेला दौर 14 जून 1957 से 1961 तक और दूसरा दौर 10 फरवरी 1965 तक रहा। उनके पेले पट्टाभी सीतारमैया मध्य प्रदेश के वजूद में आने पे 1 नवंबर 1956 से 13 जून 1957 तक गवर्नर रहे थे। इस फोटू को भोपाल के बुजुर्ग फोटू गिराफर और 89 की उमर में बी एक्टिव जगदीश कोशल साब ने जब साबिक जनसंपर्क अधिकारी 96 बरस के अरविंद चतुर्वेदी साब के यहां देखा तो इस तस्वीर की तस्वीर हींच ली। अरविंद चतुर्वेदी साब के मुताबिक भोपाल के पत्रकारों के साथ गवर्नर के ग्रुप फोटो के लिए उन्होंने ही पाटस्कर साब से गुजारिश की थी। उनका दावा है कि अब तलक किसी भी गवर्नर के साथ भोपाल के पत्रकारों की ये पेली और आखरी फोटू हे। दरअसल सहाफियों के साथ गवर्नर के ग्रुप फोटू की कोई रिवायत ही नहीं थी। इस फोटू में नुमायां हो रहे पत्रकारों के नाम जानने के लिए जगदीश कोशल साब ने अरविंद चतुर्वेदी और बुजुर्ग सहाफी लज्जाशंकर हरदेनिया से राब्ता किया। उनकी याददाश्त के मुताबिक इस फोटो का केप्शन कुछ इस तरह है= सबसे पीछे और दूसरे नंबर वाली सफ में खड़े हुए पत्रकारों में दाएं से दैनिक जागरण के श्री खरे, हिंदुस्तान समाचार के अयोध्या प्रसाद गुप्ता, आकाशवाणी के नितिन मेहता, नवभारत के त्रिभुवन यादव, जागरण के सत्यनारायण श्रीवास्तव, मदन मोहन जोशी, धन्नालाल शाह, श्री सक्सेना, लज्जाशंकर हरदेनिया, दिनकर शुक्ल, पद्मनाभ तेलंग और सूचना प्रकाशन महकमें के अफसर रघुवीर दिक्षित, डीएन शर्मा शामिल हैं। बैठे हुए सहाफियों में इंडियन एक्सप्रेस के डीवी लेले, एमपी क्रॉनिकल के एडिटर केपी नारायणन, हितवाद के श्री गणपति, गवर्नर हरि विनायक पाटस्कर, पीटीआई के श्री सेनगुप्ता, युगधर्म के राधेश्याम शर्मा, नागपुर टाइम्स के करकरे साब। नीचे बैठे हुए पत्रकारों में मजहर उल्ला, प्रेम श्रीवास्तव, भगवान स्वरूप श्रीवास्तव, और केके मिश्रा के पास अरविंद चतुर्वेदी बैठे हुए हैं। यहीं पीटीआई के हरिहर स्वरूप और हिंदुस्तान हिंदी के ब्यूरो चीफ प्रेमचंद मोदी नुमायां हो रहे हैं। इस कदीमी फोटो में पत्रकार लज्जाशंकर हरदेनिया, अरविंद चतुर्वेदी साब के अलावा एकाध सहाफी ही अब हयात (जीवित) हैं। भोपाल की दूसरी पीढ़ी के ये वो पत्रकार हैं जिन्होंने उसूलों की सहाफत पूरी ईमानदारी और कमिटमेंट के साथ करी। तब ये लोग सायकलों या पैदल ही शहर को नापा करते थे। इने आज बी मीडिया जगत के पुराने लोग पूरे अदब और एहतमाम के साथ याद करते हैं।

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