- मिशन गुजरात के लिए भाजपा ने कसी कमर
भोपाल। भाजपा गुजरात और हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पूरी तरह से तैयारियों में लगी हुई हैं। गुजरात में लगातार जीत का रिकॉर्ड कायम रखने के लिए मप्र सरकार के चार मंत्रियों नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया, इंदर सिंह परमार और विश्वास सारंग को मोर्चे पर तैनात किया गया है। गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश से लगभग 1000 कार्यकत्र्ता गुजरात जाएंगे। जबकि करीब 100 पदाधिकारी और कई कार्यकर्ता पहले से ही वहां पर मौजूद हैं। भाजपा इन विधानसभा चुनावों के साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव पर भी नजर बनाए हुए हैं।
नवंबर के आखिरी सप्ताह या दिसंबर के पहले सप्ताह में गुजरात में विधानसभा चुनाव होना हैं। इन चुनावों को लेकर भाजपा ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। चूंकि मप्र में अगले साल चुनाव हैं, इसलिए यहां के कई नेताओं को गुजरात में चुनाव प्रबंधन और उसके पहले बूथ प्रबंधन की जवाबदारी दी गई है। इसी क्रम में प्रदेश के चार मंत्रियों नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया, इंदर सिंह परमार और विश्वास सारंग की केन्द्रीय संगठन ने गुजरात विधानसभा चुनाव में ड्यूटी लगा दी है। इसके अलावा सांसद गजेन्द्र पटेल को भी गुजरात चुनाव में लगाया गया है। दरअसल, भाजपा विधानसभा चुनाव में विभिन्न राज्यों से उन कार्यकर्ताओं को पहले ही बुला लेती है, जिन्हें कई राज्यों में चुनाव के दौरान सांगठनिक कार्यो का लंबा अनुभव हो। इन जमीनी कार्यकर्ताओं को विधानसभा क्षेत्र की सामाजिक, आर्थिक और भौगोलिक स्थिति के अनुसार रणनीति बनाने में महारत होती है। जानकारों का कहना है कि गुजरात में इस बार आम आदमी पार्टी सहित बिखरा हुआ कुछ विपक्ष भाजपा के खिलाफ अंदरूनी तौर पर एकजुट है। ऐसे में संगठन की तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ी जा सकती।
गुजरात को चार जोन में बांटा
गुजरात को भाजपा ने चुनावी तैयारी के हिसाब से चार अलग-अलग जोन में बांटा है। इनमें दक्षिण गुजरात, उत्तर गुजरात, मध्य गुजरात और सौराष्ट्र के विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। मध्य प्रदेश के कार्यकर्ताओं को सौराष्ट्र का प्रभार सौंपा गया है। सौराष्ट्र में मप्र से दो प्रभारी बनाए गए हैं। एक जीतू जिराती हैं, जिन्हें चुनाव लडऩे से लेकर प्रबंधन का बेहतर अनुभव है। वहीं, पूर्व संगठन मंत्री श्याम महाजन को संगठन का काम सौंपा है। इनके साथ सातों जिलों में दो-दो प्रभारी बनाए गए हैं और हर विधानसभा क्षेत्र के लिए भी दो-दो कार्यकर्ताओं को तैनात किया है। गुजरात के संगठन महामंत्री रत्नाकर के साथ इनकी एक बैठक हो गई है। मप्र के झाबुआ और आलीराजपुर से गुजरात के सात जिले दाहौद खेड़ा, महिसागर, पंचमहल, बढ़ौदा ग्रामीण, बढ़ौदा नगर और आणंद जिले लगे हुए हैं। इन क्षेत्रों में मध्य प्रदेश से ऐसे कार्यकर्ता भेजे हैं, जिनका वहां कहीं प्रभाव या अच्छा संपर्क है। फिलहाल, यह कार्यकर्ता वहां संगठनात्मक कार्यो में मदद के साथ चुनावी जमावट को मजबूत बनाने के लिए काम करेंगे। गुजरात के लिए यह प्रारंभिक तैनाती है, इसके बाद वरिष्ठ नेताओं को भी भेजा जाएगा। पार्टी इस बार गुजरात के दामाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी वहां के चुनाव प्रचार में लगा सकती है। प्रत्येक विधानसभा में संगठन की दृष्टि से एक प्रभारी रहेगा तो एक अन्य प्रभारी राजनीतिक दृष्टि से समझने वाला रहेगा। प्रदेश के पूर्व विधायक, विधायक और वरिष्ठ नेताओं की 115 लोगों की टीम वहां पहले ही भेजी गई है। दोनों साथ-साथ काम करेंगे। इसके लिए गुजरात के प्रदेश संगठन द्वारा सभी प्रभारियों को बूथ स्तर तक का डाटा उपलब्ध कराया गया है। जिन बूथों पर भाजपा चुनाव हारी है, उसको लेकर भी अलग से रणनीति बनाई जाएगी। पुराने प्रत्याशी कितने वोटों से हारे और जीते, इसको लेकर भी डाटा प्रभारियों को दिया गया है। सभी से कहा गया है कि चुनाव होने तक वहीं रहें और अपने-अपने प्रभार वाले क्षेत्रों में काम करें। हालांकि अभी त्योहारों को देखते हुए कुछ दिनों की छूट मिली है।
एक मंत्री को पांच से छह विधानसभाओं का जिम्मा
गुजरात में फिर से कमल खिलाने के लिए एक पदाधिकारी को पांच से छह विधानसभाओं का जिम्मा दिया गया है। नरोत्तम मिश्रा को बाव, घानेरा, डीसा और दियोदर विधानसभा सीटों की जिम्मेवारी दी गई है। इसी तरह अरविंद भदौरिया को जंबूसर, बागरा, झघडीया, भरूच और अंकलेश्वर, इंदर सिंह को मातर, नंडीयाद, महेमबाद, महुधा, ठासरा, कमडगंज, मंत्री विश्वास सारंग को दांता, झालोद, लीमखेड़ा, दाहोद, गरबाड़ा और देवगढ़ की जिम्मेदारी दी गई है। सांसद गजेन्द्र पटेल को दाहोद और इसके आसपास की विधानसभाएं दी गई हैं। इसके अलावा केन्द्रीय भाजपा संगठन ने उत्तरप्रदेश समेत कई राज्यों के मंत्री, राष्ट्रीय पदाधिकारियों को भी चुनाव में लगाया है। मप्र भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती ने कहा कि मप्र के कार्यकर्ता गुजरात में अपने-अपने प्रभार के विधानसभा क्षेत्रों में पहुंच गए हैं। वहां पांच बूथों पर एक शक्ति केंद्र बनाए गए हैं। सभी जगह बैठक भी हो गई है। प्रवासी कार्यकर्ता स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ सहयोगी की भूमिका निभाएंगे।