ब्‍लॉगर

वर्तमान दौर में शरीया क़ानून की प्रासंगिकता?

– तनवीर जाफरी अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल पर गत 15 अगस्त को क्रूर तालिबानों के बलात क़ब्ज़े के बाद उनके द्वारा एक बार फिर यह घोषणा की गयी है कि अफ़ग़ानिस्तान में शरीया क़ानून लागू किया जायेगा। इस्लामी शरीयत (क़ायदे/क़ानूनों ) की नीतियों के अनुसार चलने वाली व्यवस्था को आम तौर पर शरीया या शरीया […]

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चलती रहनी चाहिए संवाद की साइकिल

– सियाराम पांडेय ‘शांत’ मौजूदा दौर संवाद का है। समस्याओं का आगमन जीवन की नियति है। समस्याएं कहीं भी कभी भी आ सकती हैं। समस्याएं भी पूतना और शूर्पणखा जैसी ही होती हैं, विवेक-बुद्धि से ही उनका समाधान या निवारण किया जा सकता है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार सतत सीमा विस्तार के आकांक्षी चीन […]