ब्‍लॉगर

पौराणिक तपोभूमि की पहचान बन पाते संभाग और जिले

– ऋतुपर्ण दवे सच है, पहचान नाम से होती है, नाम में ही भावार्थ छुपा होता है, जो चलन-प्रचलन में आ जाता है। जब कोई नाम स्वनाम धन्य हो जाता है तब तो पहचान और भी किसी की मोहताज नहीं होती। इस समय देश में शहर, नगर, कस्बे, गांव यहां तक कि मोहल्लों के नाम […]