भूमाफियाओं पर कार्रवाई के साथ ही लोगों को जमीन का हक दिलाने में जुटा प्रशासन
इंदौर। भूमाफियाओं (land mafia) पर कार्रवाई करने वाले जिला प्रशासन (district administration) की प्राथमिकता यह भी है कि लोगों को उनके हक मिल सके। साथ ही प्रयास यह भी है कि जो जायज लोग हैं उन्हें भूमि का हक मिले क्योंकि भूमाफियाओं ने प्लाट खरीदने वाले पुराने लोगों के बजाय नए सदस्य जोडक़र उन्हें वरीयता सूची मे शामिल कर लिया था इसलिए प्रशासन द्वारा पुष्प विहार के प्लाटों के असली हकदारों को प्लाट दिलाने के लिए रविवार को एक मेला लगाया जा रहा है जिसमें प्रशासन के साथ ही सहकारिता विभाग के सभी अधिकारी शामिल रहेंगे और एक-एक सदस्य की फाइल तैयार कराई जाएगी कि जिससे यह पता चल सके कि सदस्यों की दावेदारी किस तरह की है।
पिछले दिनों कलेक्टर मनीषसिंह (collector Manish Singh) ने इंदौर में भूमाफियाओं के खिलाफ अभियान चलाने के बाद लोगों को उनके जायज हक दिलाने की पहल शुरू करते हुए खुद भूमाफियाओं के चंगुल में फंसी अयोध्यापुरी (Ayodhyapuri) और पुष्पविहार (Pushp Vihar) कालोनी का दौरा कर सदस्यों को आश्वस्त किया था कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर उनके जायज हक दिलाने की कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि दोनों ही कालोनियों के सदस्यों ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री के इंदौर आगमन पर उनसे मिलकर अपनी पीड़ा बताते हुए बरसों से भूखंडों के लिए संघर्ष कर रहे उनके हक को दिलाने की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद जिला प्रशासन के मुखिया को उनकी समस्या हल करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश पह ही प्रशासन ने जहां भूमाफियाओं को शिकंजे में कंसा वहीं दोनों ही कालोनियों के भूखंडधारियों को उनके प्लाट दिलाने के प्रयास शुरू कर दिए। कलेक्टर मनीष सिंह ने अयोध्यापुरी के साथ ही पुष्प विहार का दौरा कर सदस्यों से मुलकात की और उन्हें आश्वस्त किया कि जल्द ही वरीयता सूची के सदस्यों और रजिस्टर्ड भूखंडधारियों को प्लाट दिलाने की कार्रवाई की जाएगी। इस आश्वासन के बाद लगातार बैठकों का दौर चलता रहा। अब प्रशासन रविवार को पुष्प विहार कालोनी में ही एक मेला आयोजित करने वाला है जिसमें वे तमाम सदस्य मौजूद रहेेंगे, जो इस कालोनी से जुड़े हुए हैं। प्रशासन और सहकारिता विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी मेें इन सदस्यों की फाइल तैयार की जाएगी जिसमें उनके सारे दस्तावेज शामिल रहेंगे। प्रशासन द्वारा भी वहां जाने के पूर्व अब तक के सदस्यों की जानकारी तैयार की जा रही है ताकि सहकारिता विभाग में उपलब्ध दस्तावेजों से सदस्यों के दस्तावेजों का मिलान किया जा सके। यदि सहकारिता विभाग के पास दस्तावेज नहीं हो तो वे सदस्यों से हासिल किए जाएंगे वहीं यदि किसी सदस्य के पास भूखंड पर दावा करने के लिए पर्याप्त दस्तावेज न मिले तो वह भी विभाग के अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रशासन का मानना है कि जायजा भूखंडधारियों को उनका हक मिल सके क्योंकि संस्था पर कब्जे बाद भुमाफियाओं ने असली हकदारों का नाम हटाकर नकली नाम जुड़वा दिए यहां तक कि कई फर्जी लोगों की रजिस्ट्रियां भी हो चुकी है। फाइल तैयार होने के बाद प्रशासन द्वारा ऐसे लोगों की भी खोज की जाएगी जिनकी रजिस्ट्रियां वरीयता सूची में नाम शामिल नहीं होने के बावजूद कर दी गई। मेले में एसडीएम स्तर के अधिकारी मौजूद रहेंगे।
Share: