इंदौर न्यूज़ (Indore News)

100 फीट मास्टर प्लान की सडक़ पर ही बेच डाले संस्था ने भूखंड

  • मामला तुलसी नगर बसाने वाली विवादित माँ सरस्वती गृह निर्माण का, प्राधिकरण ने कलेक्टर और निगम को लिखा कार्रवाई के लिए पत्र भी – सडक़ का निर्माण हो गया ठप

इंदौर (Indore)। तुलसी नगर बसाने वाल माँ सरस्वती गृह निर्माण संस्था (Maa Saraswati Home Construction Society) सालों से विवादित रही है और उसके अध्यक्ष के खिलाफ कई एफआईआर भी दर्ज हो गई। अभी इस संस्था का एक नया कारनामा सामने आया और प्राधिकरण द्वारा तुलसी नगर नाले से योजना 134 तक मास्टर प्लान की जो 100 फीट चौड़ी सडक़ बनाई जा रहा है उसमें बीसीएम पैराडाइज के बगल में सडक़ चौड़ाई में ही संस्था ने तीन से अधिक भूखंड बेच डाले, जिसके कारण सडक़ का निर्माण भी ठप पड़ गया। लिहाजा प्राधिकरण न कलेक्टर के साथ निगम को इस मामले में कार्रवाई करने के लिए पत्र भी लिखा है।

अभी प्राधिकरण ने बॉम्बे हॉस्पिटल के सामने महालक्ष्मी से तुलसी नगर नाले तक 100 फीट चौड़ी सडक़ का दूसरा हिस्सा भी बना दिया है। वहीं नाले को निगम ने चौड़ा किया, तो अब उसके आगे से लेकर योजना 134 में बने वसुंधरा कॉम्प्लेक्स तक प्राधिकरण लगभग 4 करोड़ रुपए की राशि से सडक़ का निर्माण कर रहा है। अभी प्राधिकरण ने एडवांस एकेडमी के सामने कोकिलाबेन हॉस्पिटल और उसके साथ बन रहे शॉपिंग मॉल के बगल से सडक़ का निर्माण शुरू कर दिया है। मगर आगे बढऩे पर फेंसिंग किए हुए तीन भूखंड बाधक बन गए। जब इसकी जांच की तो पता चला कि माँ सरस्वती गृह निर्माण संस्था ने मास्टर प्लान की 100 फीट चौड़ी सडक़ पर ही ये भूखंड काटकर बेच डाले। इनमें से एक भूखंडधारक उमा जिंदल ने अपना बोर्ड भी लगाकर फेंसिंग कर दी, तो उसके आगे के भूखंड पर बाउण्ड्रीवाल भी बना दी है। उक्त भूखंड क्रमांक 3 तुलसी नगर ई सेक्टर का बताया गया है और भूखंडधारक ने प्राधिकरण पर ही आरोप लगा दिया कि वह सडक़ का निर्माण उनके भूखंड में से कर रहा है और मुख्यमंत्री से लेकर कलेक्टर, महिला थाने तक शिकायत कर दी। इधर प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चावजड़ा सीईओ आरपी अहिरवार का कहना है कि मुख्यमंत्री की घोषणा अनुरूप मास्टर प्लान की 100 फीट चौड़ी सडक़ का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें टीएनसीपी के मुताबिक ही रोड की मार्किंग की गई है। लिहाजा अवैध भूखंडों के आबंटन के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।


पंचनामे में भी किया शासकीय कांकड़ का स्पष्ट उल्लेख
अभी पिछले दिनों ही ग्राम निपानिया पटवारी हल्का नं. 5, जिसमें उक्त भूखंड और सडक़ आती है, उसका मौके पर राजस्व अमले ने पंचनामा बनाया। तहसीलदार द्वारा गठित टीम ने इस पंचनामे में शासकीय कांकड़ का उल्लेख करते हुए उक्त भूखंड उसी पर काबिज भी बताए। वहीं शिकायतकर्ता का भूखंड पर 100 फीट चौड़े मार्ग में प्रभावित बताया गया। उक्त सर्वे आवेदिका के पुत्र की उपस्थिति में ही किया गया और संस्था की जमीन सर्वे नं. 44 की मूल सीमाओं के संबंध में भी अवगत कराया गया। इस पंचनामे को बनाने के दौरान राजस्व अमले के साथ प्राधिकरण की टीम भी मौके पर मौजूद रही। वहीं संस्था ने जो नक्शा बनाया उसमें भी सडक़ में ही ये भूखंड स्पष्ट नजर आ रहे हैं। वहीं प्राधिकरण ने गूगल ईमेज के जरिए मौके की वस्तु स्थिति निकाली, उसमें भी सडक़ की चौड़ाई में ही संस्था ने भूखंड आबंटित कर डाले हैं।

सडक़, नाले, नजूल सहित सार्वजनिक उपयोग की जमीनों पर भी बेच दिए भूखंड
संस्था ने जो फर्जीवाड़े किए उसी के चलते तुलसी नगर सालों से अवैध कालोनी की श्रेणी में पड़ी हुई है और अभी भी निगम का कालोनी सेल उसे वैध करने की प्रक्रिया में शामिल नहीं कर पा रहा है। दरअसल इसके अध्यक्ष पर पूर्व में भी एफआईआर दर्ज हो चुकी है, जिसने सडक़, नजूल, नाले के साथ-साथ सार्वजनिक उपयोग की जमीनों पर भी भूखंड काटकर बेच दिए हैं। तुलसी नगर के कई भूखंडधारक बीते कई सालों से इसी कारण परेशान हो रहे हैं और अब इसी तरह 100 फीट मास्टर प्लान की सडक़ पर भी संस्था ने भूखंड बेच डाले और अब उनके खरीददार इधर-उधर भटक रहे हैं, क्योंकि सडक़ का निर्माण तो हर हाल में होना ही है।

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