उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News) मध्‍यप्रदेश

उज्जैन के गंभीर बांध की कभी भी टूट सकती है दीवार

उज्जैन। गंभीर बांध (severe dam) में पानी आ जाने के बाद उज्जैन शहर का जलसंकट (Water crisis) तो समाप्त हो गया, लेकिन पीएचई ग्रामीण के अधिकारियों को चिंता सता रही है कि जब बांध (Dam) ही नहीं रहेगा, तब उज्जैन शहरवासियों का क्या होगा? यह यक्ष प्रश्न वे स्वयं इसलिए कर रहे हैं कि उनकी न तो भोपाल में सुनवाई हो रही है और न ही प्रशासन सुनवाई कर रहा है। इसके पिछे की कहानी बड़ी साफ है, जिससे प्रशासन,खनिज विभाग और भोपाल में बैठे आला अधिकारी वाकिफ हैं। बात इतनी सी है कि कोई भी नोटिस नहीं ले रहा है।



पीएचई ग्रामीण के ईई सुधीर धारीवाल के अनुसार बांध की वॉल हल्के वाहनों के लिए है। अंबोदिया क्षेत्र से डम्पर में मुरम भरकर ले जाई जाती है। रोजाना 50 से अधिक डम्पर मुरम भरकर निकलते हैं। उनके वजन के कारण बांध की वॉल में गड्ढे हो गए हैं। धीरे-धीरे मिट्टी नीचे खिसक रही है। आनेवाले समय में बांध की दिवार पर असर गिरेगा। जिसका सीधा असर बांध के मुख्य हिस्से और वहां लगे गेट पर भी होगा, क्योंकि दिवार दिन पर दिन कमजोर होती जा रही है। ऐसे में अभी तो बांध में पानी आ गया और उज्जैन का जलसंकट समाप्त हो गया। बांध ही नहीं रहेगा तब क्या होगा? हम विभागीय पत्र एसडीएम घट्टिया गोविंद दुबे को भी कई बार लिख चुके हैं। वहां से भी कोई कार्रवाई नहीं होती है। बांध की वॉल एप्रोच रोड है, आम रोड नहीं।

इस संबंध में एसडीएम घट्टिया गोविंद दुबे से चर्चा की गई तो उन्होंने कहाकि उनके पास पीएचई ग्रामीण का ऐसा कोई पत्र नहीं आया है। पत्र आएगा तो वे कार्रवाई करेंगे, चूंकि उक्त रोड़ बांध की एप्रोच रोड़ है, ऐसे में बांध से मुरम भरे डम्पर नहीं निकलना चाहिए।

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