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विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के प्रति बदले TMC के तेवर, बढ़ाया दोस्‍ती का हाथ?

बंगाल विधानसभा (Bengal Legislative Assembly) चुनाव के बाद से ही कांग्रेस के प्रति ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के तेवर बदले हुए हैं। कांग्रेस और टीएमसी(Congress and TMC) में जारी जुबानी जंग (वाकयुद्ध) को कम करने की कोशिश में तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता डेरेक ओब्रायन ने फिर से ‘दोस्ती’ का हाथ बढ़ाया है और कांग्रेस से आगामी गोवा विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया है। बता दें कि कुछ समय से दोनों पार्टियां खुलकर एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं।

कांग्रेस और टीएमसी के बीच तकरार के बीच मीडिया को दिए एक बयान में टीएमसी नेता ओब्रायन ने कहा कि हमें अपनी मानसिकता को बदलना होगा, हम विपक्ष में समान भागीदार हैं। बात करने के बजाय आइए इस पर हम एक साथ काम करें। हमें आपस में लड़ने की कोई जरूरत नहीं है। हमारा एकमात्र लक्ष्य भाजपा को हराना है।

टीएमसी की ओर से यह प्रतिक्रिया ऐसे वक्त में आई है, जब दोनों पार्टियों के बीच लगातार एक-दूसरे खिलाफ जुबानी जंग जारी है। टीएमसी का कहना है कि भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को एक साथ लाने के लिए टीएमसी अनिश्चित काल तक इंतजार नहीं कर सकती है, वहीं कांग्रेस ने कहा कि चुनाव पर्यटन नहीं हैं जो एक पार्टी चुनाव लड़ती है और फिर गायब हो जाती है।



दरअसल, कांग्रेस ने गोवा विधानसभा (Goa Legislative Assembly) चुनाव लड़ने के तृणमूल कांग्रस की मंशा पर ही सवाल उठाया है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि चुनाव पर्यटन नहीं है, लेकिन उन्हें (टीएमसी) खुद से पूछना चाहिए कि आखिर उनका चुनावी उद्देश्य क्या है? वह भाजपा को और मजबूत कर रहे हैं या वे वास्तव में गोवा की राजनीति में अपनी जगह के लिए लड़ रहे हैं। हालांकि, तृणमूल ने आरोपों को खारिज कर दिया और उसके एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ने लोगों का समर्थन खो दिया है।

यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब टीएमसी नेता सुखेंदु शेखर राय (Leader Sukhendu Shekhar Rai) ने कहा कि सभी विपक्षी दलों के साथ गठबंधन करने का प्रस्ताव टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने दिया था, जिन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य नेताओं से भी मुलाकात की थी। उन्होंने कहा, ‘हमने छह महीने लंबा इंतजार किया, लेकिन किसी भी तरफ से कोई प्रतिक्रिया या पहल नहीं हुई। इसलिए हम आगे बढ़े हैं और हमने अपने आधार का विस्तार करने का फैसला किया है। शायद कांग्रेस अपने आंतरिक मुद्दों में बहुत व्यस्त है।’

दरअसल, दोनों पार्टियों के बीच विवाद सोमवार को उस समय और बढ़ गया जब टीएमसी ने कांग्रेस नेतृत्व को सत्तारूढ़ भाजपा का ‘सबसे बड़ा इंश्योरेंस’ बताया। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा (Rahul Gandhi and Priyanka Gandhi Vadra) का नाम लिए बगैर टीएमसी ने ट्विटर पर कांग्रेस पर सीधा हमला बोला। बता दें कि अगले साल गोवा में विधानसभा चुनाव है।

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