इंदौर न्यूज़ (Indore News)

रतलाम-दाहोद लाइन पर शुक्रवार से फिर 110 की रफ्तार से गुजर सकेंगी ट्रेनें

  • 17 जुलाई की रात मालगाड़ी के 16 डिब्बे पटरी से उतर जाने के बाद से सुधार के कारण रोजाना धीमी गति से गुजर रही हैं 100 से ज्यादा ट्रेनें

इंदौर। रतलाम से दाहोद के बीच रेल लाइन पर 17 जुलाई की रात मालगाड़ी के 16 डिब्बे पटरी से उतर जाने के बाद ट्रैक तो चालू कर दिया गया है, लेकिन सुधार कार्यों के चलते इस पर अभी ट्रेनों को धीमी गति से गुजरने के निर्देश दिए गए हैं। शुक्रवार तक सभी काम पूरे होने के बाद रतलाम से दाहोद की ओर जाने वाली अप लाइन पर सभी ट्रेनें 110 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गुजर सकेंगी। अभी इस ट्रैक पर ट्रेनें 30 से 45 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ही गुजर रही हैं।

उल्लेखनीय है कि हादसे के दौरान मालगाड़ी के डिब्बे जाने और आने वाली रेल लाइनों (अप एंड डाउन लाइन) पर बिखर गए थे। इसके कारण 36 घंटों तक इस मार्ग पर रेल यातायात रोक दिया गया था। इस दौरान 100 से ज्यादा ट्रेनों का संचालन भी प्रभावित हुआ था। 41 ट्रेनों को निरस्त किया गया और 59 को बदले मार्ग से चलाया गया। कई ट्रेनों का समय भी बदला गया था। सुधार पूरा होने के बाद भी इस ट्रैक पर शुरुआत में गति प्रतिबंध लगाते हुए ट्रेनों को 20 से 30 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गुजरने के ही निर्देश दिए गए थे। पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल के डीआरएम विनीत गुप्ता ने बताया कि इस ट्रैक पर सुधार का काम लगातार जारी है।


इसके बाद डाउन लाइन, यानी मुंबई से रतलाम से आने वाले ट्रैक पर कल गति सीमा को बढ़ाकर 75 किलोमीटर प्रतिघंटा कर दिया गया है। वहीं अप लाइन मतलब रतलाम से मुंबई जाने वाले ट्रैक की गति सीमा को अभी 30 से 45 किलोमीटर प्रतिघंटा ही रखा गया है। उन्होंने बताया कि अप लाइन पर बुधवार तक स्पीड लिमिट को बढ़ाकर 75 और शुक्रवार तक सामान्य करते हुए 110 किलोमीटर प्रतिघंटा कर दिया जाएगा। यानी शुक्रवार से यहां से गुजरने वाली ट्रेनें अपनी सामान्य गति से गुजर सकेंगी।

डाउन लाइन के ऊपर पहाड़ पर पड़े हैं हटाए गए डिब्बे, ट्रैक पर गिरने का डर
डीआरएम ने बताया कि डाउन लाइन का सारा सुधार कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन इससे हटाए गए डिब्बे ऊपर पहाड़ पर रखे गए हैं। तेज गति से ट्रेन के गुजरने पर होने वाले वाइब्रेशन के कारण डिब्बे पहाड़ से गिरकर फिर पटरी पर आ सकते हैं। इसे देखते हुए इसकी गति सीमा अभी 75 किमी ही रखी जाएगी। इन डिब्बों को हटाने के लिए नीलामी प्रक्रिया की जा रही है, जिसमें जल्द ही डिब्बों को हटने के बाद इस पर भी सामान्य गति 110 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेनों को गुजरने की अनुमति दे दी जाएगी।

रोजाना 100 से ज्यादा ट्रेनें गुजरती हंै इस ट्रैक से
यह ट्रैक मुंबई-दिल्ली के बीच सबसे प्रमुख ट्रैक है। इससे रोजाना 100 से ज्यादा ट्रेनें गुजरती हैं। गति सीमा लगी होने के कारण ट्रेनें यहां आने से पहले ही अपनी गति को कम कर लेती हैं। इसके लिए ट्रैक पर बोर्ड भी लगे हैं. साथ ही ट्रेन के लोको पायलट (ड्राइवर्स) को ट्रैक पर जाने से पहले इसकी जानकारी भी कॉशन ऑर्डर्स में दी जाती है। गति सीमा कम होने के कारण इस मार्ग से गुजरने वाली सभी ट्रेनें थोड़ी लेट भी हो रही हैं। ट्रैक सामान्य होने के बाद यह परेशानी भी दूर होगी।

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