इंदौर न्यूज़ (Indore News)

दुबई जाने के लिए आखिरी वक्त जांच के लिए पहुंचे कनाडा के दो यात्री

  • पांच यात्रियों के पॉजिटिव आने के बाद निजी लैब्स की एक दिन पहले की रिपोर्ट पर भी उठ रहे सवाल
  • एक निजी लैब ने यात्रियों को गलत जानकारी देकर किया था रैपिड एंटीजन टेस्ट, यात्रा के लिए रैपिड पीसीआर टेस्ट जरूरी

इंदौर। इंदौर (Indore) से कल दोपहर दुबई (Dubai) जाने वाली फ्लाइट (flight) में पहले पांच यात्रियों के पॉजिटिव (positive) आने पर गहमागहमी का माहौल बना हुआ था। बाद में फ्लाइट जाने से एक घंटा पहले कनाडा के दो यात्री आखिरी समय अपनी जांच करवाने पहुंचे, जिससे फिर यही स्थिति बन गई। यात्रियों की सुविधा को देखते हुए एयरलाइंस ने इन्हें सैंपल देने के बाद चेक-इन सहित अन्य औपचारिकता पूरी करने के लिए भेजा। साथ ही विमान में बैठाने से पहले रिपोर्ट आने का इंतजार किया। दोनों ही यात्री एक निजी लैब द्वारा गलत जानकारी देने के कारण परेशान हुए।

यूएई सरकार (UAE Government) के नियमानुसार दुबई जाने से पहले हर यात्री को फ्लाइट के समय से छह घंटे पहले का रैपिड पीसीआर टेस्ट करवाना जरूरी है। रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही यात्री सफर कर सकता है। यात्रियों की सुविधा के लिए एयरपोर्ट पर ही इसके लिए काउंटर लगाए गए हैं, लेकिन कनाडा के दो नागरिक, जो कल सुबह इस फ्लाइट से जाने वाले थे, को पलासिया क्षेत्र की एक लैब ने गलत जानकारी देते हुए कहा कि वे रैपिड एंटीजन टेस्ट के साथ भी यात्रा कर सकते हैं। इस पर सुबह दोनों यात्रियों ने यहां से जांच करवाई और रिपोर्ट लेकर एयरपोर्ट (Airport) पहुंचे। यात्री सुबह 11.15 बजे एयर इंडिया के चेक-इन काउंटर पर पहुंचे।


वहां रिपोर्ट मांगे जाने पर उन्होंने रैपिड एंटीजन की रिपोर्ट दिखाई, जिस पर एयर इंडिया स्टाफ (Air India Staff) ने उन्हें यह कहते हुए लौटा दिया कि रैपिड पीसीआर जांच (PCR test) करवाना जरूरी है। जल्दी जांच करवाएं, अन्यथा वे फ्लाइट में नहीं जा पाएंगे। इस पर दोनों यात्री भागते हुए एयरपोर्ट स्थित जांच काउंटर पर पहुंचे और यहां जांच करवाई। रिपोर्ट आने में आधे घंटे से ज्यादा का समय लगता है। इस दौरान उनकी फ्लाइट चूक सकती थी, इसलिए विशेष आग्रह पर एयर इंडिया स्टाफ ने उन्हें चेक-इन करने के साथ ही इमिग्रेशन सहित अन्य औपचारिकताओं के लिए रवाना किया। साथ ही लैब को निर्देश दिए कि रिपोर्ट आते ही उन्हें सूचना दें। क्योंकि पहले ही पांच यात्री पॉजिटिव आ चुके थे, इसलिए और डर का माहौल था। एयर इंडिया ने प्लान किया कि अगर यात्रियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उन्हें विमान में सवार होने से रोक दिया जाएगा। फ्लाइट निकलने करीब आधे घंटे पहले रिपोर्ट आई जो नेगेटिव थी, इस पर दोनों ही यात्रियों को विमान में सवार होने की अनुमति दी गई। इस समय एयर इंडिया मदद नहीं करता तो दोनों यात्रियों की फ्लाइट चूक सकती थी। पूरे मामले में निजी लैब द्वारा गलत जानकारी दिए जाने के कारण परेशानी की बात सामने आई है।

पांच पॉजिटिव यात्री एक दिन पहले की जांच में थे नेगेटिव
इस घटना के साथ ही यह भी सामने आया है कि दुबई जाने वाले जो पांच यात्री पॉजिटिव (passenger positive) आए हैं, उन्होंने एक दिन पहले ही आरटीपीसीआर जांच करवाई थी। मंगलवार को ही सभी ने टेस्ट के लिए सैंपल दिए थे और मंगलवार शाम को ही सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। अब मंगलवार शाम से सुबह के बीच यात्री कैसे पॉजिटिव हुए इसका जवाब यात्रियों और अधिकारियों के पास भी नहीं है। इनमें तीन यात्रियों ने भोपाल की एक निजी लैब और दो यात्रियों ने इंदौर की एक निजी लैब से जांच करवाई थी। इसके बाद लैब की जांच पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।

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