जबलपुर न्यूज़ (Jabalpur News)

पात्रता परीक्षा में 18 वर्ष तो नियुक्ति में 21 वर्ष क्यों?

  • हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा विभाग सहित अन्य से तलब किया जवाब

जबलपुर। स्कूल शिक्षा विभाग में निरंतर रूप से चल रही अनियमितताओं का दौर थमता नजर नहीं आ रहा है चाहे पदस्थापना का मामला हो या ईडब्ल्यू को आयु में छूट का। मामला है कि आयुक्त लोक शिक्षण संचनालाय भोपाल द्वारा भर्ती नियम 2018 के प्रावधानों के विपरीत अधिसूचना जारी कि है कि 2020 कि पत्रता परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों कि दिनांक एक जनवरी 2023 को भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष होना आवश्यक है। अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने शिक्षा विभाग के उक्त आदेश कि संवैधानिकता को याचिका के माध्यम से नरसिंहपुर निवासी कुमारी अंकिता इरपाचे तथा कुमारी शिवानी ठाकुर कि ओर से याचिका दाखिल करके चुनौती दी गई है।

उक्त याचिका कि प्रारंभिक सुनवाई मुख्य न्यायमूर्ति रवि मड्डालिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा कि खंडपीठ ने को प्रारंभिक सुनवाई करते हुए पाया कि स्कूल शिक्षा विभाग के आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा शिक्षक सेवा भर्ती नियम 2018 तथा सामान्य प्रशासन विभाग के स्पष्ट निर्देशों तथा विधायिका द्वारा नियत क़ानून के विपरीत निर्देश जारी करके नियोजन के लिए निर्धारित मिनिमम आयु 18 वर्ष के स्थान पर 21 वर्ष कि गई है जो प्रथम दृष्टया असंवैधानिक है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओ को अंतरिम राहत के तौर प्राथमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने का निर्देश दिया गया है तथा अनावेदकों से जबाब तलब किया गया है।

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