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वर्ल्ड वाइड वेब दिवस: WWW : इंटरनेट की मायावी दुनिया

– योगेश कुमार गोयल

इंटरनेट ज्ञान और मनोरंजन का ऐसा खजाना है, जिसके माध्यम से किसी एक कोने में बैठकर आप दुनिया भर की सैर कर सकते हैं। कहना गलत नहीं होगा कि इंटरनेट के माध्यम से विश्वभर की हर प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारी को एक छोटे से बंद कमरे में रखे कम्प्यूटर या मोबाइल फोन की स्क्रीन पर समेटकर ला देने वाला मूल मंत्र WWW (वर्ल्ड वाइड वेब) आज हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। यह शब्द प्रतिदिन दुनियाभर में करोड़ों कम्प्यूटरों पर असंख्य बार टाइप किया जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि ‘डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू’ नामक इंटरनेट की मायावी दुनिया में प्रवेश कराने वाली यह खिड़की कब और कैसे अस्तित्व में आई?

वर्ष 1989 में ‘डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू’ नामक इस मायावी शब्द को जन्म दिया था ऑक्सफोर्ड के क्वींस कॉलेज से ग्रेजुएशन कर चुके टिम बर्नर्स ली ने। वर्तमान में वेबपेज से जुड़ने या उसका निर्माण करने के लिए जो भी तरीके अपनाए जाते हैं, उनके पीछे बर्नर्स का ही दिमाग है। 08 जून 1955 को लंदन में जन्मे बर्नर्स ली ने 1976 में ऑक्सफोर्ड के क्वींस कालेज से ग्रेजुएशन किया और उसी दौरान मात्र 21 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने अपने लिए एक छोटा सा कम्प्यूटर सेट बना लिया। बर्नर्स ली के दिमाग में 1980 में अचानक ही ‘डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू’ से संबंधित शुरुआती विचार आया। उस दौरान वह एक कम्पनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्य कर रहे थे। तब उन्होंने कम्प्यूटर में मौजूद विभिन्न फाइलों को आपस में जोड़ने के लिए ‘इनक्वायर’ नामक एक प्रोग्राम तैयार किया था। वह कम्प्यूटर पर मौजूद अपने दस्तावेजों और फाइलों को खोलने के लिए कुछ खास कोड नंबरों का प्रयोग करते थे और उनका यह तरीका कम्प्यूटर पर सफलतापूर्वक काम भी करता था किन्तु उन्होंने इससे भी आगे कुछ करने की ठानी।

बर्नर्स ली एक ऐसा ग्लोबल प्रोजेक्ट बनाना चाहते थे, जिसकी मदद से दुनिया के सभी कम्प्यूटरों को एक व्यापक सूचना तंत्र से जोड़ा जा सके और उन्हें अपने उद्देश्य में सफलता भी मिली। वह इंटरनेट के जरिये दुनियाभर के लोगों को सूचनाओं के एक विस्तृत नेटवर्क से जोड़ पाने में सफल हो गए। इस तरह इंटरनेट पर ‘डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू’ की शुरुआत 1991 में हुई। टिम बर्नर्स-ली को एक इंटरनेट-आधारित संचार प्रणाली विकसित करने में उनकी रचनात्मकता के लिए सम्मानित करने के लिए प्रतिवर्ष 01 अगस्त को ‘वर्ल्ड वाइड वेब दिवस’ मनाया जाता है। 1993 में इंटरनेट पर ‘टेक्सट’ के साथ-साथ पिक्चर्स व ग्राफिक्स का प्रसारण भी शुरू हो गया। इससे धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता बढ़नी शुरू हो गई। आज इंटरनेट का उपयोग करने वालों की संख्या दुनिया भर में करोड़ों में हैं।

आज इस बात से हर कोई परिचित है कि इंटरनेट ज्ञान और मनोरंजन का खजाना है पर आपको यह खजाना खोजना भी तो आना चाहिए। वर्ल्ड वाइड वेब पर एक ही विषय पर महत्वपूर्ण जानकारियों के असंख्य पृष्ठ भरे पड़े हैं, यदि आपको उनमें से अपने मतलब की जानकारी खोजने का तरीका ही मालूम नहीं हो तो आपके लिए यह सब किस काम के? मान लिया जाए कि जिस विषय पर आपको किसी जानकारी की आवश्यकता है, उससे संबंधित कुछ वेबसाइटों की आपको जानकारी भी है लेकिन यदि उन वेबसाइटों पर आपके मतलब की जानकारी न मिले, तब आप क्या करेंगे? आपकी इसी मुश्किल को आसान करता है इंटरनेट सर्च इंजन। इंटरनेट पर कुछ भी खोजते समय इंटरनेट सर्च इंजन ही आपकी मदद करता है। जिस भी विषय के बारे में आप जानकारी चाहते हैं, इंटरनेट सर्च इंजन के टूल बार में उसका नाम टाइप करने के बाद एक क्लिक करते ही यह उस विषय से संबंधित ढेरों पेज आपके सामने खुल जाते हैं और इस तरह आप अपनी जरूरत आसानी से पूरी कर सकते हैं।

दरअसल सर्च इंजन एक ऐसा प्रोग्राम है, जो विभिन्न प्रोग्राम्स के तहत कार्य करता है और इंटरनेट पर उपलब्ध सभी वेबसाइटों के लाखों-करोड़ों पृष्ठों को अपने अंदर समेटे रहता है। यह वेब आधारित एक ऐसी विशेष साइट है, जिसकी सहायता से आप किसी भी विषय पर एकत्रित की गई सूचनाओं तक आसानी से पहुंच सकते हैं। जब भी आप सर्च इंजन में कोई शब्द या वाक्य टाइप कर उससे संबंधित जानकारी चाहते हैं तो सर्च इंजन उस शब्द या वाक्य से संबंधित पृष्ठों की एक विस्तृत सूची बनाकर आपके सामने लाकर रख देता है, ‘गूगल’, ‘याहू’, ‘खोज’ इत्यादि कुछ ऐसे सर्च इंजन हैं, जो आज दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं।

यदि आप किसी खास विषय से संबंधित जानकारी पाना चाहते हैं तो अपनी खोज को विशेष बनाने के लिए टाइप किए जाने वाले शब्दों के साथ $ , – _ इत्यादि चिह्नों का प्रयोग कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि आप चाहते हैं कि आपके खोजे जा रहे वेबपज पर इंदिरा और राजीव दोनों का ही नाम हो तो आप सर्च इंजन के टूल बार में इंदिरा राजीव टाइप करके एंटर कर दें। आपकी यह मनपसंद जानकारी कुछ ही पलों में आपके सामने होगी।

(लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)

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