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अमेरिका के इस राज्य में योग पर 28 साल से लगा है बैन, कारण जानकर दंग रह जायेंगे आप

वाशिंगटन। अमेरिका के राज्य अलबामा (Alabama) में योग (Yoga) पर लगा बैन आगे भी जारी रहेगा। इस प्रतिबंध को हटाने के लिए अलबामा की सीनेट में एक विधेयक को पेश किया गया था। जिसे रूढिवादी समूहों के दबाव के बाद रोक दिया गया गया है। दरअसल, इस राज्य में ईसाई धर्म के कट्टर अनुयायियों को डर है कि योग के कारण बड़ी संख्या में लोग हिंदू धर्म में धर्मांतरण कर सकते हैं।

1993 में स्कूलों में योग पर लगा था प्रतिबंध : इन्हीं धार्मिक रूढ़िवादी समूहों के दबाव के कारण साल 1993 में अलबामा शिक्षा बोर्ड ने राज्य के सरकारी स्कूलों में योग के साथ ही सम्मोहन और ध्यान विधा को प्रतिबंधित करने के पक्ष में मतदान किया था। जिसके बाद पूरे राज्य में स्कूलों में योग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसी प्रतिबंध को हटाने के लिए अलबामा राज्य की सीनेट में विधेयक पेश किया गया था।

रूढिवादी ईसाइयों ने किया योग का विरोध : मीडिया में आई एक खबर के मुताबिक यह कदम रूढ़िवादी ईसाई (Orthodox Christian) समूहों की उस आपत्ति के बाद उठाया गया है, जिसमें उन्होंने आशंका जताई थी कि योग की आड़ में हिंदू (Hindu) धर्म के अनुयायी ईसाइयों का धर्मांतरण करवा सकते हैं।


योग पर सीनेट में पेश किया गया है विधेयक : विधेयक को कानून का रूप देने के लिए उसे राज्य की सीनेट में पेश किया गया लेकिन वहां के रुढ़िवादी ईसाई (Orthodox Christian) नेताओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया। टस्कलूसा न्यूज डॉट कॉम की खबर के मुताबिक अलबामा के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रॉय मूरे के फाउंडेशन फॉर मॉरल लॉ और दूसरे रूढ़िवादी ईसाइयों ने इस विधेयक पर ऐतराज जताया। रूढिवादियों ने दावा किया कि इस विधेयक के कानून बन जाने के बाद राज्य के सरकारी स्कूलों में धर्मांतरण बढ़ेगा।

रूढिवादियों को हिंदू धर्म के प्रसार का भय : विधेयक का विरोध करते हुए, रूढ़िवादी ईसाई नेता बेक्की गेरिटसन ने कहा कि योग (Yoga) हिंदू धर्म का बड़ा हिस्सा है। ऐसे में योग से प्रतिबंध हटने से देश में हिंदू धर्म को बढ़ावा मिलेगा। खबरों के मुताबिक ईसाई समूह विधेयक का यह कहकर विरोध कर रहे हैं कि इससे स्कूलों में हिंदू धर्म व्यवहार में आ जाएगा और बच्चे अपने धर्म से भटक जाएंगे।

विधायक ने कहा-‘मैं रोज करता हूं योग’ 
विधेयक को पेश करने वाले डेमोक्रेटिक पार्टी के विधायक जेरेमी ग्रे ने इस धारणा का खंडन किया कि हिंदू धर्म के अनुयायी इससे धर्मांतरण करने लगेंगे। उन्होंने रूढिवादी ईसाइयों का विरोध करते हुए कहा, ‘मैं तकरीबन 10 साल से योग (Yoga) कर रहा हूं। मैंने पांच साल तक कक्षाओं में योग सिखाया है। मैं आपको यह भी बताता हूं कि मैं अब भी हर रविवार बैप्टिस्ट चर्च जाता हूं।’

सीनेट ने विधेयक पर कार्रवाई रोकी : मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस विधेयक का लक्ष्य अलबामा के सरकारी स्कूलों में योग को एक ऐच्छिक विषय के तौर पर चुनने का विकल्प देना था। इस विधेयक के कानून बनने से 28 वर्ष पुराने प्रतिबंधों की समाप्ति हो जाती। हालांकि रूढ़िवादी ईसाइयों (Orthodox Christian) के तीखे इस विरोध के बाद सीनेट की न्यायिक समिति ने इस विधेयक पर आगे की कार्रवाई फिलहाल रोक दी है।

जिंदा हैं योग (Yoga) पर कानून बनने की उम्मीद : खबर है कि दोनों पक्षों में जारी बहस के बीच सीनेट न्यायिक समिति के अध्यक्ष टॉम व्हाटले इस मामले पर फिर से विचार करने पर सहमत हो गए हैं। उन्होंने संकेत दिया है कि वे इस विधेयक को फिर से सीनेट में पेश कर सकते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि इस विधेयक पर नजदीकी भविष्य में सीनेट में मतदान हो सकता है।

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