इंदौर न्यूज़ (Indore News)

441 एकड़ की गांधी नगर संस्था में घपले, संचालक मंडल भंग

 

प्रशासक की नियुक्ति की… ऑडिट ना करने, अपात्रों को भूखंड देने से लेकर कई तरह की अनियमितता सामने आने पर सहकारिता विभाग ने की कार्रवाई
इंदौर। बढ़ते कोरोना संक्रमण (Corona Transition) के चलते गृह निर्माण संस्थाओं (Housing Institutions) के घोटालों की जांच का काम थोड़ा धीमा पड़ा है, लेकिन पुलिस, प्रशासन और सहकारिता विभाग कुछ महत्वपूर्ण आदेश पारित भी कर रहा है। इसी कड़ी में सहकारिता विभाग (Cooperatives Department) ने इंदौर की सबसे अधिक जमीन वाली संस्था गांधी नगर गृह निर्माण (Gandhi Nagar Home Building) के संचालक मंडल को भंग कर दिया। 441 एकड़ जमीन ग्राम बड़ा बांगड़दा जम्बुर्डी और नैनोद में संस्था को पट्टे पर दी गई थी, जिसमें से काफी जमीनें अवैध रूप से बिक गई और कई पर कब्जे भी हो गए, जिसमें कम्प्यूटर बाबा के चेले-चपाटियों ने भी कब्जे कर रखे थे, जिसे कुछ समय पूर्व प्रशासन ने हटवाया भी था। संस्था द्वारा ऑडिट ना करवाने, अपात्रों को भूखंड देने से लेकर कई तरह की अनियमितताएं लगातार की जाती रही, जिसके चलते सहकारिता विभाग ने 4 जनवरी को कारण बताओ नोटिस जारी किए थे, जिसके जवाबों से संतुष्ट ना होने पर अभी उपायुक्त सहकारी संस्थाएं मदन गजभिये ने कल संचालक मंडल को भंग करते हुए प्रशासक के रूप में प्रवीण जैन सहकारी निरीक्षक को नियुक्त कर दिया है।


पिछले दिनों कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh)  ने कुछ गृह निर्माण संस्थाओं की जांच शुरू करवाते हुए 18 भूमाफियाओं (Land mafia)  के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई, जिसके चलते चर्चित भूमाफिया सुरेन्द्र  संघवी, प्रतीक, दीपक मद्दे सहित अन्य फरार हैं तो कुछ पुलिस के हत्थे भी चढ़े हैं, लेकिन अभी बीते 10 दिनों से एकाएक कोरोना संक्रमण बढऩे के चलते प्रशासन उसकी रोकथाम और व्यवस्थाओं में जुट गया। हालांकि पीडि़तों को भूखंडों के कब्जे दिलवाने से लेकर अन्य प्रक्रिया चल भी रही है। इसी कड़ी में सहकारिता विभाग ने पिछले दिनों धारा 53 (2) के तहत गांधी नगर गृह निर्माण संस्था के संचालक मंडल को कारण बताओ नोटिस जारी किए थे, जिसमें अध्यक्ष अंतरसिंह गप्पू जी पटेल, उपाध्यक्ष भारत सिंह गजराजसिंह राठौर के अलावा 9 संचालकों, जिसमें श्रीमती प्रीति कोठारी, किशनलाल पुरोहित, सोहनसिंह राठौर, अतुल केकरे, विमलकांत तिवारी, नरेन्द्र बख्शी, विक्रम सिंह, श्रीमती समरथ बाई, कैलाश मोरी और महेश बापू सिंह शामिल हैं। इन सभी पदाधिकारियों ने कारण बताओ नोटिस के जवाब दिए, मगर ये जवाब गोलमोल और तथ्यों व रिकॉर्डों के आधार पर नहीं दिए, जिसके चलते कल सहकारिता विभाग के उपायुक्त मदन गजभिये ने संचालक मंडल को भंग करते हुए संस्था के सामान्य कार्य संचालन के लिए सहकारी निरीक्षक प्रवीण जैन को प्रशासक नियुक्त कर दिया। श्री गजभिये ने अपने इस आदेश में संस्था पदाधिकारियों द्वारा ऑडिट ना कराने, नियत समय तक वित्तीय पत्रक प्रस्तुत ना करने सहित कई आरोपों का खुलासा किया है। एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्यों को भूखंडों का आबंटन भी कर दिया, जिसमें भूखंड क्र. 104-105, 411, 428, 19 और 20, 17, 58, 69-बी और 69 सी के अलावा 105, 106 सहित अन्य भूखंड शामिल हैं। शासन ने 441 एकड़ जमीन पट्टे पर दी थी, जिसमें से बाद में कुछ जमीनों की अफरा-तफरी भी हो गई।


175 पीडि़तों ने सौंपे शिविर में अपने दस्तावेज
प्रशासन ने पीडि़तों को भूखंडों का कब्जा दिलवाने का कब्जा दिलवाने की प्रक्रिया जारी रखी है। देवी अहिल्या श्रमिक कामगार (Devi Ahilya Shramik Kamgar) की श्री महालक्ष्मी नगर कालोनी के ए सेक्टर के बाद कल बी सेक्टर के लिए शिविर लगाया गया। श्री महालक्ष्मी नगर पीडि़त संघर्ष समिति के डॉ. अरुण सक्सेना के मुताबिक कल लगे शिविर में लगभग 175 परिवारों ने अपनी रजिस्ट्रियां, दस्तावेज, रसीदों को सौंपा। ये सभी बी सेक्टर के पीडि़त हैं। लगभग 250 रजिस्ट्रीधारक बी सेक्टर में बताए जा रहे हैं। वहीं उसके बाद सी और डी सेक्टर के लिए भी इसी तरह की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हालांकि सी और डी सेक्टर के भूखंडों पर अवैध निर्माण भी बताए गए हैं, जो कि नोटरी से बिके भूखंडों पर किए गए हैं। पिछले दिनों कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) के निर्देश पर डॉ. अभय बेडेकर, एसडीएम अंशुल खरे और तहसीलदार सुदीप मीणा ने श्री महालक्ष्मी नगर (Shri Mahalakshmi Nagar) के सेक्टर ए और बी में सीमांकन, नपती के बाद चूने की लाइन डलवाकर कब्जे दिलवाने की प्रक्रिया शुरू करवाई। ए सेक्टर में लगभग 60 रजिस्ट्रीधारकों को कब्जे दिए भी जा चुके हैं।

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