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इलाज़ में देरी क्यों?

– डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारत में शिक्षा और चिकित्सा पर सरकारों को जितना ध्यान देना चाहिए, उतना बिल्कुल नहीं दिया जाता। भारत के सरकारी अस्पतालों में न तो नेता लोग जाना चाहते हैं, न साधन संपन्न लोग और न ही पढ़े-लिखे लोग। हमारे सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए जानेवाले लोगों में मध्यम या निम्न […]

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विवाह की उम्र : सामाजिक सुधार की अभूतपूर्व पहल

– सुरेश हिंदुस्थानी कुछ प्रथाएं आज कुरीति के रूप में दृष्टव्य होती दिख रही हैं। चाहे विवाह की आयु का विषय हो या फिर रीति-रिवाजों से संबंधित अन्य प्रचलित प्रथाएं, समय के अनुसार इनको बदलना चाहिए। लेकिन कुछ रूढ़िवादी मानसिकता के लोग या इस दिशा में सक्रिय संस्थाएं किसी परिवर्तन का विरोध कर न केवल […]

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जब तानसेन की तान से अचंभित हुए राजा रामचंद्र…..

– हितेन्द्र सिंह भदौरिया कलाओं के महान आश्रयदाता बघेलखण्ड के राजा रामचन्द्र की राजसभा को अनेक संगीतज्ञ और साहित्यकार सुशोभित करते थे। संगीत शिरोमणि तानसेन ने भी लंबे अर्से तक राजा रामचन्द्र की राजसभा की शोभा बढ़ाई। राजा रामचंद्र के पास तानसेन के पहुँचने का समय लगभग 1557-58 ईसवी है। मगर रामचंद्र की राजसभा बांधवगढ़ […]

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ये पॉलिटिक्स है प्यारे

एक तीर से कई निशाने लगा दिए गौरव ने भाजपा नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे जिस तरह अपनी कार्यशैली को लेकर चर्चित हैं, उसने उन्हें बड़े नेताओं का मुरीद भी बना दिया है। गौरव ने अपने पौने दो साल के कार्यकाल में पीछे मुडक़र नहीं देखा है और उपचुनाव से लेकर पार्टी के बड़े आयोजनों को […]

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बॉलीवुड के अनकहे किस्से …जब एक दिन के लिए गायब हो गईं हेमा मालिनी

– अजय कुमार शर्मा यह सत्तर के दशक की उस समय की बात है जब हेमा मालिनी सुपर सितारा थीं और उस समय के लगभग सभी सुपर सितारे खासतौर पर धर्मेंद्र, जितेंद्र और संजीव कुमार उनकी खूबसूरती के दीवाने बने हुए थे। हेमा मालिनी से मिलने, उन तक अपने संदेश पहुंचाने, उनके साथ समय बिताने […]

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राजनीति: राष्ट्र निर्माण का मधुमय अधिष्ठान

– हृदयनारायण दीक्षित अस्तित्व विस्मय पैदा करता है। यह बहरूपिया है। अनेक रूप। अनेक नाम। परिचित है अनेक बिना जाने हुए अपरिचित। प्रत्यक्ष अनुभूति में यह ‘लोक’ है। नाम रूपों से भरापूरा लोक आलोक में देखा जाता है। इसका अंदरूनी तंत्र भी विराट है। जैसा लोक वैसा तंत्र। इसका हरेक घटक स्वतंत्र जान पड़ता है। […]

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राज्यपाल आरिफ़ का अपूर्व पैंतरा

– डॉ. वेदप्रताप वैदिक केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने अपने राज्य के मुख्यमंत्री को एक ऐसी बात कह दी है, जो आज तक किसी राज्यपाल ने किसी मुख्यमंत्री को नहीं कही होगी। प्रायः हम राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों के बीच चलते हुए कई अप्रिय विवादों के बारे में सुनते आए हैं लेकिन भारतीय राजनीति […]

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उपलब्धियों पर आधारित उपयोगिता

– डॉ. दिलीप अग्निहोत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनेक जनसभाओं में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा कर चुके हैं। उनका यह विचार मात्र राजनीति तक सीमित नहीं है बल्कि यह प्रमाणों व तथ्यों पर आधारित है। योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में अनेक अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं। अनेक विषयों पर तो 70 […]

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सिंहभूम : हर भारतीय के लिए अपनी प्राचीन सभ्यता पर गर्व करने का अवसर

– डॉ. मयंक चतुर्वेदी यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि तमाम नए ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक शोध के निष्कर्षों के बाद भी आज भारत के कई विश्वविद्यालयों एवं राज्यों के निर्धारित अध्ययन पाठ्यपुस्तकों में यही पढ़ाया जा रहा है कि आर्य बाहर से आकर भारत में बसे थे। हालांकि अनेक अनुसंधानों ने यह सिद्ध कर दिया है कि […]

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शादी की उम्रः विश्व-गुरु भारत

– डॉ. वेदप्रताप वैदिक केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तय किया है कि लड़कियों की शादी की उम्र को 18 साल से बढ़ाकर 21 साल कर दिया जाएगा। अब लड़कों के समान लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल हो जाएगी। इस फैसले का कई लोग विरोध भी कर रहे हैं। उनका तर्क है कि यह फैसला […]